Case No.- 1 [12/5/2019, 12:05 AM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi: *case presentation ...* *एक कुष्ठ-किटिभ कुष्ठ - विसर्प कुष्ठ एवं psoriasis ... आयुर्वेदीय चिकित्सा* *कुष्णातीति कुष्ठम् - जो त्वचा आदि धातुओं को नष्ट करे, कुष्णाति वपु इति कुष्ठम् - शरीर के धातुओं की विकृति के संदर्भ में ये का गया है, कुष निष्कर्षे में क्थन् प्रत्यय लगाकर इसकी उत्पत्ति हुई । जो रोग शरीर को विकृत कर दे उसे कुष्ठ रोग कहते है।* *रूग्णा - Age 11 yrs/ student* *रोगी - Age 18 yrs/male / student* *एक कुष्ठ - 'अस्वेदनं महावास्तुयन्मत्य्स्यशकलोपमम्' मा नि 49/17 स्वेदावरोध, व्रण का अधिष्ठान गुरू, त्वचा मछली सदृश हो। सुश्रुत 5/9 में 'कृष्णारूणं येन भवेच्छरीरं' शरीर का वर्ण कृष्ण और अरूण हो जाये । चरक का मत एक कुष्ठ में 'अस्वेदनं महावास्तु यन्मत्स्य' च चि 7/21 माधव ने चरक का मत ले कर जिसने रोग ग्रस्त स्थान अधिक घेर लिया हो ही लिखा है।* *विसर्प कुष्ठ - 'स्त्वग्रक्तमांसान्यभिभूय शीघ्रम्, मूर्च्छाविदाहारतितोदपाकान्' सु नि 5/11 त्वचा, रक्त और मांस को दूषित कर
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