[3/22, 1:01 AM] Vaidyaraj Subhash Sharma: *आयुर्वेद रहस्य- पित्त प्रकरण भाग -6* *21-3-2022* *case presentation .... अति तिक्त रस प्रयोग- आधुनिक औषध और शुष्क - रूक्ष पित्त का बाह्य स्वरूप पित्त चिकित्सा विज्ञान सहित ...* *आधुनिक समय में विभिन्न रसायनिक प्रक्रियाओं से निर्मित अनेक औषधियां तिक्त रस प्रधान हैं जो उष्णवीर्य भी हैं और रूक्ष गुण आधिक्य भी, 'तिक्तो रसः... पित्तश्लेष्मो..शोषणो..रूक्ष..लघु' च सू 26/42 तिक्त अति सेवन सेवन करने पर पित्त और कफ का शोषण करता है तथा रूक्ष और लघु भी है। इनमें कुछ द्रव्य पित्त के कुछ गुणों की जहां वृद्धि करते हैं वही कुछ द्रव्य पित्त के द्रवत्व अथवा द्रवांश का शोषण कर पित्त शोषक द्रव्य बन जाते हैं और वात के कुछ वृद्ध अंशों से मिलकर शरीर में रूक्षता, खरता, कंडूता, त्वक् वैवर्ण्य, त्वचा में उदर्द एवं कोठ युक्त असहिष्णुता (allergic ) युक्त प्रतिक्रिया उत्पन्न कर देते हैं।* *इसका उदाहरण यह रोगी है।* *रोगी/ male/ 54 yrs/ businessman* *viral fever, प्रतिश्याय एवं गल संक्रमण होने पर ताप एवं जीवाणु नाशक आधुनिक औषध के अति प्रयोग से जो तिक्त रस प्रध