WDS 95: जिव्हा परीक्षा(Tongue-examination) by Vaidyaraja Subhash Sharma, Vd. Atul Kale, Prof. Mohanlal Jaysawal, Vd. Sanjay Chhajed, Prof. Deep Narayan Pandey, Vd. Pradeep Kumar Jain, Vd. Arun Tiwari & Others.
10/10, 4:21 PM] Dr.Deepika: Aaj ye rugna kandu ki complaint lekar aayi thi,jihwa parikshan par ye centre se cut tha,iske bare mein kuch clinical experience share kiziye [10/10, 5:36 PM] Dr.Pradeep kumar Jain: जिह्वा विदार वात पेतिक [10/10, 7:30 PM] Dr. Ashwani Kumar Sood: Normal in most of the pts untill some complaint. [10/10, 9:44 PM] Vd. Atul J. Kale: जिह्वामें एक दरार. क्यों???? जिह्वा रक्तमांसके प्रसादभागसे बनी हुई, लचिली, अन्नको इधर इधर करनेवाली, रसास्वादन करानेवाली. रक्तमांसधातुओंके उचित संधानसे, बोधक कफ रसनास्थायी. स्निग्धा, आरक्ता. गुण:- रुक्ष, खरत्व वृद्धी. निमित्तकारण may be उष्णतीक्ष्णत्व of पित्त. उष्णत्वसे द्रव एवं स्निग्धत्वशोषण एवं तीक्ष्णत्वके साहचर्यसे भेदनपूर्वक संधानबंध विलगीकरण. महाभूतसंगठन पृथ्वी++++जल+++अग्नि+ अग्नि++वायु++++पृथ्वी++++जल+ ऎसा कुछ कहीं सकते है। [10/10, 10:06 PM] Dr Arun Tiwari: जिह्वाऽनिलेन स्फुटिता प्रसुप्ता भवेच्च शाकच्छदनप्रकाशा | पित्तेन पीता परिदह्यते च चिता सरक्तैरपि कण्टकैश्च | कफेन गुर्वी बहला चिता च