WDS99: *Radiotherapy & Agni by Vaidyaraja Subhash Sharma, Prof. Arun Rathi, Vd. Bharat Padhar, Vd. Deepika Sharma, Vd. Pawan Madaan, Vd. Bhadresh Nayak, Vd. Divyesh Desai, Vd. V. B. Pandey & Others.
[8/6, 11:50 AM] Vaidyaraj Subhash Sharma: *radiotherapy और कारण द्रव्य अग्नि ...* *'ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम्। होतारं रत्नधातमम् ' ऋगवेद 1.1.1* *ऋग्वेद का आरंभ ही अग्नि की प्रार्थना से होता है, और यह परमात्मा का विशेष गुण भी है। ऋगवेद के पहले अध्याय के पहले सूक्त के 9 श्लोक हैं जो अग्नि को ही समर्पित है। यह अग्नि ही तो है जिसने परमाणुओं के समन्वय के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की और आकाश से प्रकट हुई। अग्नि की शक्ति के कारण ही विभिन्न नक्षत्र और ग्रह बने तथा संसार में समस्त सृजन अग्नि द्वारा निरंतर और पोषित है और जब प्रलय या अंत आता है, तो पूरी रचना अग्नि द्वारा भस्म हो जाती है।* *आयुर्वेद का पिण्ड-ब्रह्माण्ड न्याय एवं पंच तत्व अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश में यह अग्नि ही है जो दूसरों की संरचना और अखंडता की अनुमति देता है और उनका संरक्षण भी करता है, ऋगवेद ब्रह्मांडीय ज्ञान का भंडार है और तेज भी कहा जाता है तथा इसका प्रत्यात्म लक्षण है 'उष्णस्पर्शवत्तेजः' जिस द्रव्य में प्रथम तो उष्ण स्पर्श हो और रूप गुण समवाय संबंध में स्थापित हो वह तेज है।* *अगर किसी