WDS 79: 'व्यत्यास चिकित्सा (Vyatyas-chikitsa) by Vaidya Rangaprasad Bhat, Prof. Giriraj Sharma, Vaidya Hiten Vaja, Dr. Pawan Madaan & Others.
[12/10, 7:08 AM] Vaidya Hiten:
Vd. Surendraji..
Vyatyasa-chikitsa sutran ke swarup evam upayogita ke baare me nirdeshit sidhdhant ujagar kare...🙏
Kal ki baat aage badhate hai..👍
[12/10, 8:52 AM] pawan madan Dr:
Welcome Hiten ji
What's this vyatyasa ?
[12/10, 9:00 AM] Vd. Aashish Kumar, Lalitpur:
व्यतस्यात (लिखना मुश्किल है) चिकित्सा सर, जैसे बस्ति में हम करते है । अनुवासन और आस्थापन का उपयोग।
सर आपका इतना याद आना ही पर्याप्त है🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙂
[12/10, 11:15 AM] Vaidya Hiten:
👌👍
Kaychikitsa pranali me chikitsasutra ko chikitsa vyavahar me ujagar karna apekshit hai..
Kyo ki aushadh yog chikitsa sutra ki yojna ko samprapti vighatan hetu upyoga me laye jane wale sadhan rup anubhut hote hai..
[12/10, 11:16 AM] Vd. Vidyadheesh Anantacharya Kashikar, Samhita:
अन्य
व्यत्यासात् मधुराम्लानि शीतोष्णानि च योजयेत्।
नित्यमग्निबलापेक्षी जयत्यर्शःकृतान् गदान्।।
च चि १४/२४३
[12/10, 11:24 AM] Vd. Aashish Kumar, Lalitpur:
मेरी भी गुरुवरों से निवेदन है कि व्यत्यास चिकित्सा सिद्धान्त पर मार्गदर्शन करने की कृपा करें, क्योकि यह महत्वपूर्ण तो है ही, लेकिन व्यवहारिक रूप से सिवाय बस्ति के और कही इसका उपयोग नही कर पाते है।🙏🏻🙏🏻
[12/10, 11:27 AM] Samta Tomar Dr Jmngr:
After delivery agar baby rota Nahi hai to garam air thande Pani ke chapke Uske pith par marte hai. To stimulate the brain centre...
Naturopathy me BHI jalchikitsa me vyatasat prayog bataye Gaye hair sir🙏🏻
[12/10, 12:35 PM] Dr Prasad Kulkarni Nanded:
पित्तावृत वाते विशेषेण व्यत्यास शीत उष्णम क्रियाम कारयेत !
[12/10, 1:41 PM] Prof Giriraj Sharma:
व्यत्यास चिकित्सा का प्रत्यक्ष प्रायः प्राकृतिक चिकित्सा (बाह्य प्रयोग) में किया है ,
स्थान विशेष पर चोट या अन्य कारणों से वेदना होने पर शीत एवं उष्ण वाटर बैग से सिकाव ,,,,
एक बार उष्ण जल से सिंचन एक बार शीत जल से सिंचन किया जाता है एवं तुरन्त आराम भी मिलता है ।
पित्तावृत वात, कास,
दीपन, बृहण औषधि का अन्तः प्रयोग पर चर्चा एवं प्रयोगः की विषय मे भी प्रयोगधर्मिता के साथ मनन करना चाहिए ।
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌷🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
[12/10, 1:45 PM] Dr Shashi Jindal:
it is change in sequence in treatment plan, as deepan vringhan, then vringhan deepan, is advised for kshayaj kaas.
[12/10, 2:30 PM] pawan madan Dr:
You mean to say...
Alternating Opposite treatment plan...?
[12/10, 2:52 PM] Prof. Surendra A. Soni:
व्यत्यास अर्थ परस्पर परिवर्तन change in prescribed/ indicated schedule.
चिकित्सा के परिप्रेक्ष्य में रोग प्रमाण से आतुर में प्रयोज्य चिकित्सा सिध्दान्त में रोग स्थिति, रोगी रुचि, सात्म्य, दोष, धातु, अग्नि, देश, काल, बल, काल अवस्था विशेष के अनुसार आवश्यक पुनः पुनः परिवर्तन ।
व्यत्यास क्रम में यथावश्यक विचारणीय-
1. उष्ण शीत
2. षड्रस
3. आहार कल्पना/पथ्य
4. व्याधि अवस्था
5. स्निग्ध-रुक्ष
रस-प्रसंग-
👇🏻
अग्निसन्धुक्षणार्थं तु पूर्वं पेयादिना भिषक् ।
रसोत्तरेणोपचरेत् क्रमेण क्रमकोविदः ॥६॥
स्निग्धाम्लस्वादुहृद्यानि ततोऽम्ललवणौ रसौ ।
स्वादुतिक्तौ ततो भूयः कषायकटुकौ ततः ॥७॥
अन्योऽन्यप्रत्यनीकानां रसानां *स्निग्धरूक्षयोः ।*
व्यत्यासादुपयोगेन प्रकृतिं गमयेद्भिषक् ॥८॥
च सि-12
उष्ण-शीत-
👇🏻
सकृदुष्णं सकृच्छीतं व्यत्यासाद्धिक्किनां पयः ।
च चि 17/134
दोष-धातु-
दीपनं बृंहणं चैव स्रोतसां च विशोधनम् ।
व्यत्यासात्क्षयकासिभ्यो बल्यं सर्वं हितं भवेत् ॥१८७॥
च चि-18
👇🏻
चक्रपाणि
👇🏻
व्यत्यासादिति क्रियापरिवर्तनात्। क्षयजकासस्य सन्निपातोद्भव इत्यादिना सान्निपातिकत्वमभिधाय, दोषोद्रेकविशेषानुबन्धरूपेण चिकित्साविशेषसूत्रमाह ।
Hiten Sir !!🙏🏻🌷
[12/10, 3:02 PM] Dr Shashi Jindal: 👌👍🏼🙏🏼💐
[12/10, 4:29 PM] Prof Giriraj Sharma: 🌷🌷🙏🏼👍🏻🙏🏼🌷🌷
[12/10, 6:39 PM] Prof Giriraj Sharma:
व्यत्यास का अर्थ परस्पर परिवर्तित
या विपरीत ,,,,?
रुक्ष /स्निग्ध
उष्ण/ शीत
*प्रत्यनिक*
🤔🤔
[12/10, 6:52 PM] Prof. Surendra A. Soni:
दोनों ।
व्यत्यासात् परस्परपरिवर्तनेन मधुराम्लयोः शीतोष्णयोश्च योजना॥२४३॥
च चि 14
[12/10, 6:55 PM] Dr Bhadresh Nayak, Surat:
Sirji
I am applying this basic concepts in spine disorders
Results are more effective
Disc herniated
Canal stenosis
Protrusion disc
Disc comparation
[12/10, 6:58 PM] Vd. Aashish Kumar, Lalitpur:
🌹🌹🌹🌹🌹🌹धन्यवाद सोनी सर !
[12/10, 6:59 PM] Prof. Surendra A. Soni:
Mentioned in vat vyadhi.....!👍
Bhadresh Sir !
[12/10, 8:00 PM] Ranga prasad Ji Vd. Chennai:
Could *व्यत्यासात्* be taken as *alternatively* !?
Because while searching for this word, came across a commentary in विष चिकित्सा over Charaka where in an explanation for the bhavana dravya's vyatyAsa gets mentioned in the procedure of preparation of a yoga.
Where in it is stated in commentary that if गो पित्त is not available, व्यत्यासात्-अश्व पित्त be used.
*Main verse:*
सर्षपकपित्थमध्यं टुण्टुककरञ्जबीजानि [३] ||७०||
व्योषं [४] शिरीषपुष्पं द्विरजन्यौ वंशलोचनं [५] च समम्|
पिष्ट्वाऽजस्य मूत्रेण गोश्वपित्तेन [६] सप्ताहम्||७१||
*व्यत्यासभावितोऽयं* निहन्ति शिरसि स्थितं विषं क्षिप्रम्|
सर्वज्वरभूतग्रहविसूचिकाजीर्णमूर्च्छार्तीः||७२||
*Commentary:*
*व्यत्यासभावित इति* गोपित्तेन भावयित्वा अश्वपित्तेन भावितः, तथा अश्वपित्तेन भावयित्वा गोपित्तेन भावितः||६५-७६||
[12/10, 8:04 PM] Prof. Surendra A. Soni:
Yes Ranga Sir !
You are right, charak himself states this in kushtha nidan...
तत्रेदं सर्वकुष्ठनिदानं समासेनोपदेक्ष्यामः- शीतोष्णव्यत्यासमनानुपूर्व्योपसेवमानस्य तथा सन्तर्पणापतर्पणाभ्यवहार्यव्यत्यासं,
🙏🏻🌷
[12/10, 8:05 PM] Vaidya Hiten:
Vd. Soniji ...👌👍
Vishadikaran karne hetu dhanyavad...
[12/10, 8:05 PM] Prof. Surendra A. Soni: 🌹🌷🙏🏻
[12/10, 8:08 PM] Ranga prasad Ji Vd. Chennai: 👍🤝💐
[12/10, 9:37 PM] pawan madan Dr:
🙏🙏
Can u pls help me to know where it has been mentioned ?
[12/10, 9:40 PM] pawan madan Dr:
Great..
This is in kushtha chikitsa..
[12/10, 9:44 PM] Ranga prasad Ji Vd. Chennai:
*चिकित्सास्थानम्-२८. वातव्याधिचिकित्सितम्*
क्रिया साधारणी सर्वा संसृष्टे चापि शस्यते|
वाते पित्तादिभिः स्रोतःस्वावृतेषु विशेषतः||१८३||
पित्तावृते विशेषेण शीतामुष्णां तथा क्रियाम्|
*व्यत्यासात् कारयेत्*_*सर्पिर्जीवनीयं च शस्यते||१८४||*_
धन्वमांसं यवाः शालिर्यापनाः क्षीरबस्तयः|
विरेकः क्षीरपानं च पञ्चमूलीबलाशृतम्||१८५||
मधुयष्टिबलातैलघृतक्षीरैश्च सेचनम्|
पञ्चमूलकषायेण कुर्याद्वा शीतवारिणा||१८६||
कफावृते यवान्नानि जाङ्गला मृगपक्षिणः|
स्वेदास्तीक्ष्णा निरूहाश्च वमनं सविरेचनम्||१८७||
जीर्णं सर्पिस्तथा तैलं तिलसर्षपजं हितम्|
संसृष्टे कफपित्ताभ्यां पित्तमादौ विनिर्जयेत्||१८८||
[12/10, 9:45 PM] pawan madan Dr:
Thanks Ranga bro.
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Above discussion held on 'Kaysampraday" a Famous WhatsApp -discussion-group of well known Vaidyas from all over the India.
Compiled & edited by
Dr.Surendra A. Soni
M.D.,PhD (KC)
Professor & Head
Professor & Head
P.G. DEPT. OF KAYACHIKITSA
Govt. Akhandanand Ayurveda College
Ahmedabad, GUJARAT, India.
Email: surendraasoni@gmail.com
Mobile No. +91 9408441150
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