Skip to main content

Posts

Showing posts from 2022

CLINICAL AYURVEDA PART-15: Case presentation- विशद गुण - सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक स्वरूप by Vaidyaraja Subhash Sharma

[12/14, 7:09 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma: CLINICAL AYURVEDA PART-15 *case presentation-  विशद गुण - सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक स्वरूप में ENLARGEMENT OF PROSTATE & PSA के उदाहरण के साथ ....* *सर्वप्रथम विशद की निरूक्ति एवं परिभाषा देखें तो पृथम दृष्टि में ही इसका महत्व चिकित्सा में कितना अधिक है यह स्पष्ट हो जाता है, 'शतलृ शातने' धातु में टक् प्रत्यय से विसर्ग पूर्वक विशद शब्द की उत्पत्ति होती है जिसका अभिप्राय शुद्ध बना देना और संशोधन कर देना है।* *सुश्रुत की हेमाद्रि टीका में इसे 'शुचि विमली तु विशद विशेषौ अदृष्टाना हि मलानां क्षालने शक्तिं शुचित्वं दृष्टानां विमलत्व' लिखा है अर्थात जो द्रव्य शरीर में दोष, धातु एवं मलों का शुद्धिकरण कर के उन्हे विमलत्व अर्थात शुद्ध, निर्मल एवं पारदर्शी सदृश बना दे उसे विशद कहा गया है।* *'पिच्छिलो जीवनो बल्यः सन्धानः श्लेष्मलो गुरुः, विशदो विपरीतोऽस्मात् क्लेदाचूषणरोपणः'  सु सू 46/517  यहां आचार्य सुश्रुत इसे पिच्छिल के विपरीत कर्म वाला अर्थात शरीर में से क्लेद का शोषण कर निर्मल बनाता है और रोपण कर्म भी करता है।जो शरीर में

Case presentation: बन्ध्यत्व/primary infertility by Vaidya Vandana Vats

[12/2, 11:19 PM] Dr. Vandana:  प्रणाम कायसंप्रदाय,  चरण वन्दन सर्वगुरूजन ! 🙏 *case presentation* *बंध्यत्व*,  *(primary infertility)*  30 वर्षीय रूग्णा, 4 वर्ष से विवाहित, नियमित रजोदर्शन, गर्भधारण न होना, अजीर्ण, आध्यमान, मानसिक उद्वेग, चिन्ता, शोक। Past treatment -- had allopathic treatment from gynecologist for two years. Took hormones frequently. Menstrual cycle usually normal 4-5/28--35days. Menstrual cycle got irregular in between treatment.  Reports--  As done by gynecological allopathic treatment.  USG shows PCOD features.  Ovulation study ..no ovulation even after HCG injections. HSG-- Fallopian tubes both sided fully patent. Harmonal test normal.  Husband's semen analysis normal.  *रोगी वृत्तांत* *आयु*---30वर्ष *प्रकृति*---वातजपित्तज *आकृति*--चिन्ता,भय *शरीर*--मध्यम *कोष्ठ*---मध्यम  *अग्नि*-- विषम *नाड़ी*---वातज *दोष*---प्रधानत वात, (प्राण, समान वात,अपान वात), पाचक पित्त, कफ। *दूष्य*--रस, रक्त, धात्वाग्नियां। *उपधातु दुष्य*--आर्तव  *स्रोतस*---रसवह, रक्तवह, आर्तववह  *उद्भ