[2/16, 12:38 AM] Vaidyaraj Subhash Sharma: *चिकित्सा में सम्प्राप्ति क्यों आवश्यक है ?* *रोगी की विस्तार से history ले कर सम्प्राप्ति और चिकित्सा सूत्र आपके पास ब्लू प्रिंट होता है कि सामने जो रोगी है उसे व्याधि क्या है और हमें अब आगे क्या करना है ! हर रोगी महत्वपूर्ण है और आपको कुछ अनुभव सिखा कर जाता है जिसमे एक यह भी कि जिस रोग के आप गंभीर मान रहे थे वो तो बहुत साधारण अवस्था है और बिना औषध के भी ठीक किया जा सकता है ।* *'एक देशे वृद्धि और अन्य देश में क्षय' अत्यन्त महत्वपूर्ण सूत्र है और इसके साथ ही अनेक व्याधियों में संबंधित कर के चलते हैं 'मेदोमांसातिवृद्धत्वाच्चल स्फिगुदरस्तन:' च सू 21/9 में मेद संचय के ये स्थल स्पष्ट किये है, नितंब, उदर और स्तन पर ये स्थान प्रतीक मात्र हैं इसके अतिरिक्त अनेक स्रोतस और अव्यव भी हैं जहां मेद का संचय होता है, उनसे होने वाली अनेक व्याधियां शास्त्रों में वर्णित नहीं है और आधुनिक समय में ज्वलंत समस्या है । इनका निर्धारण स्रोतस के अनुसार स्वयं करें जैसे रक्तवाही स्रोतस में एक देशज मेद वृद्धि fatty liver, आर्तववाही स्रोतस में एक देशज मे...
Kayachikitsa (Internal-medicine) Blog is a noncommercial Ayurveda Clinical Education Blog of All attached Colleges of Gujarat Ayurved University Jamnagar Gujarat India. It has aim to educate/propagate evidence based Classical Ayurveda Clinical practice among the Ayurveda Students & New practitioners.