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Case presentation: 'रजोदुष्टि/बीजग्रन्थि शोथ'(PCOD) by Vaidya Vandana Vats

[6/2, 3:45 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

नमस्कार कायसंप्रदाय विद्वान् परिषद, 
चरण वंदन सर्व गुरूजन
🙏

*case presentation*

*रजोदुष्टि, बीजग्रन्थि शोथ* *(PCOD)*

 15 वर्षीय रुग्णा रजो दर्शन १२, वर्षे की वय से। एक साल सामान्य आने पर फिर अनियमित हो गया, 2--5/40--60दिन, मेदस्वी, कष्टार्तव,  हीनबल्य,  शरीर पर रोमोत्पत्ति। 

रूग्णा वृत्तान्त-

आयु---- 15वर्ष
प्रकृति --  कफज
नाडी---  वातकफ
शरीर ---मेदस्वी (स्थूल) wt  64kg
कोष्ठ-----मध्यम 
उद्भव स्थान---- आमाशय
जिह्वा ---साम
मल , मूत्र ---सामान्य। 
हेतु ----मिथ्या आहार, विहार ,अव्यायम,रात्रि जागरण, पिज्जा बर्गर अतिसेवन, मानसिक तनाव 10वी की परीक्षा।.
दोष --- प्रधानत वात, (प्राण,समान, अपान )और पित 
*व्यान वात भी क्योंकि मेदस्वी में वह भी प्रधान है तभी दौर्बल्य, हीन बल होता है।*
*कफ भी यहां है क्योकि कफ की वय है, पित्त का आगमन और वात का प्रकोप भी जिस से त्रिदोषज व्याधि है।*
*pcod संग दोष है जो आम से है और आम कफ से।*
    
       
दूष्य----  रस, रक्त ,मास, मेद धातु  
उपधातु दुष्टि ---आर्तव। 
अस्थि धातु मल दुष्टि-- केश व नख क्षय! 
स्रोतस---- रसवह, रक्त वह, मेदवह , आर्तव वह
स्रोतोदुष्टि --- संग ( अवरोध)
 जाठराग्नि - वैषम्य और धात्वाग्निमांद्य*
सम्प्राप्ति--- मिथ्या  आहार विहार से प्रकुपित वात जठराग्नि को विषम कर, धात्वाग्नि धात्वाग्नियों को  क्षीण करके रसादि का असम्यक पाक होने से आम रस की उत्पत्ति होती है। रस की उपधातु आर्तव दुष्ट होता है। अपक्व रस धातु व आम रस से स्रोतों संग  हो उत्तरोत्तर धातु क्षय व बीज ग्रंथि से बीज का निष्कासन नही होता !

First USG मे ovary is abutting with uterus due to adesions, i e, inflammation / शोथ  is present. 

चिकित्सा सूत्र----

निदान परिवर्जन,  
शोधन, 
दीपन, 
पाचन,  
अनुलोमन, 
शमन ।
*भेदन,
लेखन और 
दोष-व्याधि विपरीत/उभयात्मक चिकित्सा व्यवस्था*

चिकित्सा ----
       ----पहले 10 दिन  कुटकी  2gm , हरीतकी 3gm ..शाम को उष्ण जल से। 

  1) ----For first half, (proliferative phase,)

 5-19 day.(ऋतुकाल) 

  चित्रकादि वटी  1bd
   कैशोर गुग्गुल 2bd
   नित्यानंद रस 1bd
   प्रवाल पंचामृत 1bd
  
   फल घृत 5ml with warm water.
   पुनर्नवा, गोक्षुर,  भारंगी, शतावरी, फलत्रिक दारूहरिद्रा, लोध्र चूर्ण,1gm each काढा बनाकर।
 
2----for second half ( luteal phase )

   19th--28 day (ऋतुव्यतीत काल)and also in menstrual days( रजो काल)
     रजप्रवर्तिनी वटी 2tds
    चंद्र प्रभा वटी 1bd
  नित्यानंद रस  1bd
प्रवाल पंचामृत 1bd
   मूली, हरमल, गाजर बीज चूर्ण 2gm + टंकण भस्म, 250 mg bd with honey.
   फलघृत / अशोका घृत melted 5ml with warm water.
  कुमार्यासव / निशाम्लकी 
---Hairtonz oil.. Local application on scalp. (For hairfall). 

आहार विहार निषेध--- 

fast food, bakery products,  spicy food, excessive sitting,  improper sleeping habits.

Advised for more green, leafy  seasonal vegetables. Soup, juices,
व्यायाम, स्वेद आना, cardio workout. 

प्रथम 2 माह रजोदर्शन देर से हुआ, पर फिर सामान्य हो गए। 6 माह चिकित्सा चली  चिकित्सा बन्द होने के उपरांत भी आर्तव चक्र सामान्य, हो रहा है।
Weight of patient--60kg


After treatment. USG done after stopping treatment and  with normal cycle for three months


[6/2, 4:27 PM] Dr Nirali Thacker: 🙏

[6/2, 4:43 PM] Dr. PM Sharma: 

बहुत बढ़िया डॉ वंदना जी। 
ये मुझे भी कई बार अनुभव हुआ है कि फल घृत से मासिक धर्म की तिथि निश्चित ही आगे हो जाता है।

[6/2, 5:16 PM] Dr. Ashwani Kumar Sood: 

All your pts of PCOD are getting good response .
Excellent results 👌🏻

[6/2, 5:28 PM] Dr. PM Sharma: 

लेकिन मैं गाजर, मूली और हरमल बीज प्रयोग में नही लेता बल्कि नष्ट पुष्पांतक रस, रज:प्रवर्तनी वटी और अनुपान में कुमार्यासव। 
लेकिन आपका व्यवस्था पत्र बहुत ही उत्साहवर्धक है। 👍

[6/2, 5:33 PM] Dr. Sukhbir Verma Hisar:

 👏👏👍

But how the *lodhra* is effective in PCOD ?

[6/2, 5:44 PM] Vd Shailendra Mehta: 

बेहतरीन,Results,

resp Mam,,, 

क्या चि० क्रम यही  है,,,?
भेदन+अनुलोमन,,,फिर 

1]पाचन (रस, रक्त, स्तन्य, आतर्व धातु/स्रोतस) मुख्यत,,,,प्र०पंचा० का कार्य नहीं समझ पा रहा हूं ?

2]प्रवर्तन, गर्भाश्य उत्तेजक, बल्य, आवरण भेदन,,,क्या यही क्रम है,,,?

कृपया आपश्री के अनुसार,, क्रम क्या है,,,? 

बताने का कष्ट करें,,,,,और wt आगे भी loose हो,,इसके लिए भी औषध योजना की गई है क्या ?🙏🏻🙏🏻🌷

[6/2, 5:58 PM] Vd. V. B. Pandey Basti(U. P. ): 🙏

[6/2, 8:23 PM] Vd. Arun Rathi Sir, Akola: 👍🏻🌹🌹🌹

[6/2, 9:57 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

गुरूवर सुभाष शर्मा सर के मार्ग दर्शन से हम कई वर्षों से गाजर, मूली बीज चूर्ण प्रयोग कर रहे हैं, अनार्तव में  परिणाम सफल है। आप भी जरूर करे। 
🙏Dr. Pradeep ji !!

[6/2, 10:01 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Sir same was my question that being shambhan how Lodhra is helpful, but respected Dr. Dinesh Katoch Sir guided and clarified that Lodhra is helpful to increase uterine vascularity and balancing harmonal imbalance. From that day I am frequently giving in such cases without second thought particularly in first phase (proliferative) in which endometerium is regenerating so rich blood supply required. 

Dr. Sukhveer !
🙏

[6/2, 10:05 PM] Dr. Pawan Madan: 

Wonderful Dr Vandana !

What was your thought process behind using a few different medicines in different periods?

[6/2, 10:06 PM] Dr. Pawan Madan: 

Lodhra is stambhak only in high doses otherwise it is a regulator.

[6/2, 10:25 PM] Dr. Sukhbir Verma Hisar: 

Ok ji thanks 🙏

[6/2, 10:31 PM] Dr. Savita Mittal: 

Very beautiful presentation. I have observed one thing that if with any appropriate churna- if kaf aavaran is taken care and if weight of patient is reduced- anartav and alapartav is cured with 1or2 medicines only. But your approach is really appreciable. 🙏🏼

[6/2, 10:38 PM] Dr. Pawan Madan: 

That is the key to success.
Weight goes down, PCOD gets cured in obese cases.

[6/2, 10:51 PM] Dr. Savita Mittal: 

Yes sir. Once a patient with delayed periods for 3-5 months was cured with trikatu and syp evecare forte only, also her thyroid was also came down .

[6/2, 10:59 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

*सर्वतः सुविशुद्धायाः शेषं कर्म विधीयते*
             * च चि ३०/४६*
  सर  pcod, वात कफज़ बहुल होते हुए भी त्रिदोषज योनिव्यापद है, पित्त दुष्टि विदित है। इसमें सर्व प्रथम शोधन चिकित्सा आवश्यक है। सीधा लेखन नहीं किया जा सकता जो कि वात वर्धन करेगा और दुष्ट वात ही योनिव्यापद रोगों का मूल है। धृत पान आवश्यक है। 

आर्तव चक्र के तीन फेस है---

रजो काल -, menstrual phase -- प्राकृत दोष बाहुल्य---*वात*

ऋतु काल---secretary phase --प्राकृत दोष dominance --*कफ*

ऋतु व्यतीत काल---luteal phase--- प्राकृत दोष dominance --*पित्त*

तो first phase मे दीपन पाचन दे कर सम्यक् रस धातु पाचन पर कार्य किया जाता है.

Proper endometrium formation (tissue generation is a work and possible in balanced kaph also). 

इस केस में कैशोर गुग्गुल, शोफ (adesions due to inflammation) को दूर करने के लिए, व नित्यानंद रस ग्रंथि चिकित्सा के लिए! 

Second phase मे, गर्भाशय उत्तेजक दे कर आर्तव का अनुलोमन किया जाता है। रजः प्रवर्तिनी, मूली बीज चूर्ण आदि। 
चंद्र प्रभा रसायन व harmonal control मे सहायक है! 
घृत रसायन, वात शामक, अग्नि दीपक है, लगातार दिया जाता है! सम्यक आर्तव दर्शन के लिए सम्यक् आर्तव जननम् आवश्यक है जो कि  ऋतु व्यतीत काल यानी कफ काल मे होता है ! 
सर इस केस मे प्रवाल पंचामृत, प्राकृत कैल्शियम की आपूर्ति के लिए दी गयी, रुग्ण को hair loss व नख परीक्षा से पता चल रहा था! 
वैसे प्रवाल पंचामृत सोम्य व पित्त शामक है! पर कफ वात प्रकोप से होने वाले  अजीर्ण, उद्गार, ग्रहणी, आदि जिसमें पित्त का द्रवत्व बढकर पाचन सही न हो वहाँ कार्य कारी है। मूलतः पित्त को सामयावस्था मे लाता है।  pcod में भी पाचक अग्नि दुष्टि है, तो वहाँ भी काम करेगी।

[6/2, 11:00 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Thanks Pawan sir !
🙏
I have mentioned all in above post.

[6/2, 11:03 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Sir, 
There must be another cause of excessive bleeding in gravid female. Even a little bit of placental tissue or sac can bleed for long time. Proper evacuation is necessary. We can't blame gajjer beez churn only.

[6/2, 11:05 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Very nice Dr Savita. 
Please share your such success full cases here also. 
🙏

[6/2, 11:08 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Sir for weight reduction, Preferably I go and guide for Aahar, vihar and exercise more than medicine. 
🙏

[6/2, 11:10 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Sir it's not applicable in all PCOD patients. Yes with weight loss cycle and harmones come in balance but pcod should also be cured as it has bad effects in reproductive and also in menopausal age of female.

Dr. Shailendra !

[6/2, 11:11 PM] Vd Shailendra Mehta: 

आदरणीय आचार्याश्री,,,

इतने सरल एवं सूक्ष्म विवेचन,,,स्पष्टीकरण के लिए आपका,, मनःपूर्वक आभार🙏🏻🙏🏻💐

[6/2, 11:35 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma:

 *सम्पूर्ण चिकित्सा क्रम को जिस प्रकार निर्धारित कर प्रयोग किया वह बहुत ही शानदार है आचार्या वंदना जी 👌👍👏🌹 अत्यन्त आनंदकर ।*

[6/2, 11:40 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma:

 *आयुर्वेद में बहुत समय से इसी प्रकार से कार्य की लंबे समय से प्रतीक्षा थी वंदना जी और जिस तरह से आप के ज्ञान, अनुभव और लेखन मे आयुर्वेदीय परिपक्वता आई है वो दूसरों के लिये प्रेरणा है 👌👍👏🌹🙏 अत्यन्त  ज्ञानवर्धक प्रायोगिक case presentation*

[6/3, 8:19 AM] Dr. Pawan Madan: 

Good mng.

All the medicines have been selected based on the hormonal physiology.

[6/3, 8:21 AM] Dr. Pawan Madan: 

You didnt notice.

I said it is for obese patients generally.

Offcourse there can be many other reasons to sew.

[6/3, 10:25 AM] Dr. Vandana Vats Patiyala:

 चरण वंदन गुरु वर
🙏
धन्यवाद🙏, 
आपका मार्ग दर्शन व आशीर्वाद के सत्तत अभिलाषी हैं। 
गुरु बिना गति नहीं, और सर्व कायसंप्रदाय विद्वान् परिषद् और गुरू जन का हार्दिक धन्यवाद निरन्तर सिखाने व प्रेरित करने के लिए। 

धन्योऽस्मि
🙏

[6/3, 11:05 AM] Dr. Ashwani Kumar Sood: 

Unique cases of PCOD have been presented in past few months with excellent results. 
If a booklet of all those cases is formed collectively  it's going to be a good reference type of " CASE PRESENTATIONS ON PCODS " which will help  to guide all in future .

[6/3, 11:20 AM] Vd. V. B. Pandey Basti(U. P. ): 

PCOD and Fatty liver are two very common problems in young patients.

[6/3, 12:10 PM] Dr. Namrata Ladani: 

very good explanation respected ma'am 
kindly share ..what Is effect of ashoka ghrit in this particular case ??
that girl having already delayed menstrual cycles 

please guide 🙏🏻🙏🏻💐
Thank you🙏🏻

[6/3, 12:17 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Thanks dear Dr., what do you wish to know? 
And what do you think about Ashoka?, relating with delayed mens how?

[6/3, 12:25 PM] Dr. Namrata Ladani: 

Respected ma'am 
I want to learn that ashokaghrit ..bhaisajya Ratnavali me ..
PRADARHANTI एसा दिया है। तो इस केस में अशोका  घृत केसे काम कर्ता है। वो सीखना चाहती थी। 
आपके अनुभव से कृपा करके मार्गदर्शन कीजिए 💐🙏🏻

[6/3, 1:05 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

Dear Dr Namrata ji, 

ok, I understand your query now. 
Ashoka, is termed and labelled as  
अ  शोक यानि शोक हर, स्त्री व्याधियों का हरण करने वाला माना जाता है। 
अरिष्ट या सिरप की अपेक्षा अशोक धृत में जीवनीय गण की औषधियाँ, श्रम हर  गण के द्रव, फासला, मुनक्का, आदि, जो कि रस, मासांदि धातु वर्धक है, रसोंत, जो कि  smooth muscles of uterus पर कार्यकारी है, शतावरी रसायन, works on harmonal levels, आदि और गोघृत है, जो कि वात पित्त शामक, बल्य, रसायन, घृत अपने अणुप्रवण प्रभाव से  cellular level  पर कार्यकारी है। 
यह सभी औषधीय द्रव्य गर्भाशय की मांसपेशियों व अंतःकला, endometrium के  nourishment मे प्रभावी है! (For adequate formation in proliferative phase) 
आर्तव प्रवर्तन से पूर्व आर्तव जनन आवश्यक। 
यह श्वेत, नील, कृष्ण प्रदर यानि विकृत योनि प्रदर में लाभकारी है, as per indications. 
 मासिक धर्म शुद्धिकर व गर्भाशय बल्य है। 🙏

[6/3, 1:11 PM] Dr. Sadhana Babel: 

Superb mam 👌


[6/3, 1:11 PM] Vd. V. B. Pandey Basti(U. P. ): 

Very well explained.

[6/3, 1:11 PM] Dr. Sadhana Babel: 

Nicely explained 👌

[6/3, 1:52 PM] Dr. Namrata Ladani: 

आयुर्वेद का प्रायोगिक सिद्धांत इतने अछे से  समझाने के लिए आपका   सहृदय आभार🙏🏻🙏🏻 💐💐
dear ma'am please "जी "मत लगाए। 🙏🏻
हम तो आपके और इस पवित्र काय संप्रदाय ग्रुप के शिष्या है। 🙏🏻
और हम अपने को धन्य मानते हैं कि हमको आयुर्वेद के सिद्धांत इतनी गहराई से सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। 
💐💐🙏🏻

[6/3, 2:58 PM] Vd Shailendra Mehta: 💐💐🧎🏻‍♂️👌🏻

[6/3, 4:53 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma: 

*आज अपने आयुर्वेदीय ज्ञान कौशल से छा गई वंदना जी... ह्रदय अति प्रसन्न हो गया 👏👌👍 आयुर्वेद की अग्रिम पंक्ति को भी आपसे प्रेरणा मिलेगी ।*

[6/3, 4:57 PM] Dr. Savita Mittal: 

Very well explained 🙏🏼

[6/3, 6:15 PM] Dr. Vandana Vats Patiyala: 

धन्योस्मि, 🙏
कृतज्ञोsस्मि गुरु वर। 🙏

यह कायसंप्रदाय के गुरू जन का आशीर्वाद व मार्ग दर्शन ही है, जो कि और कही प्राप्त नहीं होता। ऐसा निस्वार्थ लेखन, शंका निवारण जो गुरु जन करते हैं वो हम सभी शिष्यों को आयुर्वेद सिद्धांतों को निरन्तर पढने, समझने व प्रयोग करने को प्रेरित करता है। आप जानते हैं गुरू वर हमने भी क, ख, ग से ही अध्ययन शुरू किया है,। यह पाठशाला अद्वितीय है। 

सभी को हृदय से आभार। 
🙏








********************************************************************************************************************Above case presentation & follow-up discussion held in 'Kaysampraday (Discussion)' a Famous WhatsApp group  of  well known Vaidyas from all over the India. ********************************************************************************************************************










Vaidya Vandna Vats 
BAMS GOLD MEDALIST (KUK).
Mobile 09463423805.
Email : Svandana22@yahoo.in 
Consultant Ayurvedic & Panchkarma Physicians.
Dr SR Vats Memorial Ayurvedic & Panchkarma Clinic,Patiala(PUNJAB).

**************************************
**************************************
**************************************




Compiled & Uploaded by

Vd. Rituraj Verma
B. A. M. S.
Shri Dadaji Ayurveda & Panchakarma Center,
Khandawa, M.P., India.
Mobile No.:-
 +91 9669793990,
+91 9617617746

Edited by

Dr.Surendra A. Soni
M.D., PhD (KC) 
Professor & Head
P. G. DEPT. OF KAYACHIKITSA
Govt. Akhandanand Ayurveda College
Ahmedabad, GUJARAT, India.
Email: surendraasoni@gmail.com


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This is a c/o SELF MEDICATION INDUCED 'Urdhwaga Raktapitta'.  Patient had hyperlipidemia and he started to take the Ayurvedic herbs Ginger (Aardrak), Garlic (Rason) & Turmeric (Haridra) without expertise Ayurveda consultation. Patient got rid of hyperlipidemia but hemoptysis (Rakta-shtheevan) started that didn't respond to any modern drug. No abnormality has been detected in various laboratorical-investigations. Video recording on First visit in Govt. Ayu. Hospital, Pani-gate, Vadodara.   He was given treatment on line of  'Urdhwaga-rakta-pitta'.  On 5th day of treatment he was almost symptom free but consumed certain fast food and symptoms reoccurred but again in next five days he gets cured from hemoptysis (Rakta-shtheevan). Treatment given as per availability in OPD Dispensary at Govt. Ayurveda College hospital... 1.Sitopaladi Choorna-   6 gms SwarnmakshikBhasma-  125mg MuktashuktiBhasma-500mg   Giloy-sattva-                500 mg.  

Case-presentation: 'रेवती ग्रहबाधा चिकित्सा' (Ayu. Paediatric Management with ancient rarely used 'Grah-badha' Diagnostic Methodology) by Vd. Rajanikant Patel

[2/25, 6:47 PM] Vd Rajnikant Patel, Surat:  रेवती ग्रह पीड़ित बालक की आयुर्वेदिक चिकित्सा:- यह बच्चा 1 साल की आयु वाला और 3 किलोग्राम वजन वाला आयुर्वेदिक सारवार लेने हेतु आया जब आया तब उसका हीमोग्लोबिन सिर्फ 3 था और परिवार गरीब होने के कारण कोई चिकित्सा कराने में असमर्थ था तो किसीने कहा कि आयुर्वेद सारवार चालू करो और हमारे पास आया । मेने रेवती ग्रह का निदान किया और ग्रह चिकित्सा शुरू की।(सुश्रुत संहिता) चिकित्सा :- अग्निमंथ, वरुण, परिभद्र, हरिद्रा, करंज इनका सम भाग चूर्ण(कश्यप संहिता) लेके रोज क्वाथ बनाके पूरे शरीर पर 30 मिनिट तक सुबह शाम सिंचन ओर सिंचन करने के पश्चात Ulundhu tailam (यह SDM सिद्धा कंपनी का तेल है जिसमे प्रमुख द्रव्य उडद का तेल है)से सर्व शरीर अभ्यंग कराया ओर अभ्यंग के पश्चात वचा,निम्ब पत्र, सरसो,बिल्ली की विष्टा ओर घोड़े के विष्टा(भैषज्य रत्नावली) से सर्व शरीर मे धूप 10-15मिनिट सुबज शाम। माता को स्तन्य शुद्धि करने की लिए त्रिफला, त्रिकटु, पिप्पली, पाठा, यस्टिमधु, वचा, जम्बू फल, देवदारु ओर सरसो इनका समभाग चूर्ण मधु के साथ सुबह शाम (कश्यप संहिता) 15 दिन की चिकित्सा के वाद