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Case-presentation : 'Pittashmari' (Gall-bladder-stone) by Vaidya Subhash Sharma

[1/20, 00:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: 

1 *case presentations - 

पित्ताश्य अश्मरी ( cholelithiasis) 4 रोगी, including fatty liver gr. 3 , ovarian cyst = संग स्रोतोदुष्टि*

*पित्ताश्य अश्मरी का आयुर्वेद में उल्लेख नही है और ना ही पित्ताश्य में gall bladder का, आधुनिक चिकित्सा में इसकी औषधियों से चिकित्सा संभव नही है अत: वहां शल्य ही एकमात्र चिकित्सा है।*
*पित्ताश्याश्मरी कि चिकित्सा कोई साधारण कार्य नही है क्योंकि जिस कार्य में शल्य चिकित्सा ही विकल्प हो वहां हम औषधियों से सर्जरी का कार्य कर रहे है जिसमें रोगी लाभ तो चाहता है पर पूर्ण सहयोग नही करता।*

*पित्ताश्याश्मरी की चिकित्सा से पहले इसके आयुर्वेदीय दृष्टिकोण और गर्भ में छुपे  सूत्र रूप में मूल सिद्धान्तों को जानना आवश्यक है, यदि आप modern पक्ष के अनुसार चलेंगें तो चिकित्सा नही कर सकेंगे,modern की जरूरत हमें investigations और emergency में शूलनाशक औषधियों के रूप में ही पड़ती है।*

*पित्ताश्याशमरी है तो पित्त स्थान की मगर इसके निदान में हमें मिले रोगियों में मुख्य दोष कफ है ...*
*गुरूशीतमृदुस्निग्ध मधुरस्थिरपिच्छिला:*
च सू 1/61
*कफ के गुणों मे गुरू,स्थिर, पिच्छिल के अतिरिक्त मंद,श्लक्षण (मसृण),सान्द्र (घनता),संशलिष्ट, स्वच्छ और द्रव भी बताया है ( च सू 4/6 पर चक्रपाणि, च चि 3/283, 3/45 पर चक्रपाणि)*
*पित्ताश्याश्मरी में कफ के उपरोक्त गुणों के कारण पित्त का घनत्व बढ़ जाता है, स्थिर मंद आदि गुण अधिक समय तक पित्ताश्य में साम पित्त को रखता है यदि ये ना हो तो पित्त का द्रव और सर गुण एक गति बना कर रखेगा और पित्त के निरंतर वहन में अश्मरी का निर्माण नही होगा, इस अश्मरी में साम कफ के पित्त से मिलने पर संग दोष के कारण वायु के रूक्ष लघु खर और विशद गुण अश्मरी निर्माण में सहायक बनते हैं।*
*क्लेदक कफ सदैव आमाश्य में आर्द्रता बना कर रखता है,मधुर, अम्ल,लवण,स्नेह,द्रव और पिच्छिल द्रव्यों के अधिक सेवन से आमाश्य में साम कफ का संचय होता है यह स्थिति मधुर अवस्थापाक तक रहती है।*

*इसके बाद अम्लावस्था पाक की स्थिति आती है जो आमाश्य में ही होती है, यदि कटु तिक्त कषाय द्रव्यों का सेवन आहार में अधिक होगा तो कफ का निर्माण कम होगा। जब यह आहार अर्धपक्वावस्था में आ कर अम्ल हो जाता है तब यह ग्रहणी में अर्थात क्षुद्रान्त्र में आता है।ग्रहणी में ही स्वच्छ पित्त का निर्माण होता है।ग्रहणी इस पित्त को तब तक धारण कर के रखती है जब तक आहार रस का पूर्ण पचन ना हो जाये।*

*पित्त का मूल यकृत भी है जहां यह उत्पन्न होता रहता है और इसका संचय स्थल पित्ताश्य है, पाचन काल में तो यह पित्तनलिका द्वारा ग्रहणी में आता रहता है और शेष समय यह पित्ताश्य में एकत्र रहता है, पित्ताश्याश्मरी की चिकित्सा करने से पूर्व इस संपूर्ण अवस्था का ज्ञान आवश्यक है तभी हम हम सम्प्रप्ति का निर्माण कर के उसका विघटन कर सकेंगे।*

*सम्प्राप्ति घटक -*
*दोष - क्लेदक कफ,पाचक पित्त, समान और व्यान वायु*
*दूष्य - रस*
*स्रोतस - अन्नवाही,रक्तवाही*
*स्रोतोदुष्टि - संग*
*अग्नि - जाठराग्निमांद्य*
*उद्भव स्थल - आमाश्य*
*अधिष्ठान - पित्ताश्य*
*साध्यासाध्यता - रोग की  अवस्थानुसार साध्य,कृच्छसाध्य या असाध्य *

*चिकित्सा सूत्र -*
*दीपन*
*पाचन*
*यकृत उत्तेजक*
*प्रमाथी उष्ण-तीक्ष्ण  द्रव्य जो अपने वीर्य से स्रोतोंगत मल का मथ कर निष्कासन करे*
*अनुलोमन*
*लेखन*
*भेदन*
*पित्तविरेचन*
*मूत्रविरेचन*
[1/20, 00:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: 

*Pt. 1*
U/S - 21/5/17 चिकित्सा 18/11/18 से आरंभ हुई और 2/1/19 को पुन: u/s कराया गया।

Before treatment - liver - fatty, GB - calculus 8 mm,ut. fibroid - 3.7/2.4 cm, rt ovary not visualized, Lt. ovary - bulky & 3.2/2.8 cm cyst.

After treatment - only fibroid 40/32 mm
rest no fatty liver,no GB calculus & ov.cyst
















[1/20, 00:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi:

 *Pt. 2*

22/6/18
Liver 20 cm grade 3 enlarged
GB multiple calculi 5-6 mm
17/9/18
Liver normal
GB no calculus
















[1/20, 00:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: 

*Pt. 3*

19/1/18
GB multiple calculi largest 15 mm
                                                        27/1/18



















14/2/18
GB multiple calculi largest 8 mm
चिकित्सा अवधि  में यह pregnent होने से चिकित्सा बंद करना पड़ी l
















[1/20, 00:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: 

*Pt. 4*
30/8/18
liver enlarged, GB multiple calculus
19/9/18
Liver normal
GB largest calculus 0.42 cm
23/10/18
GB largest calculus 0.36 cm
mid pole of CBD calculus 0.21 cm
16/11/18
GB largest calculus 0.51 cm
CBD no calculus
23/12/18
GB calculus 0.32 cm




















*इसकी बहुत सी पित्ताश्याश्मरी निकल गई है और चिकित्सा चल रही है जिसके updates आपको आगे देंगे।*

[1/20, 00:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: *चिकित्सा -*

*पित्ताश्याश्मरी के लिये कोई फार्मूला नही है रोगी की अवस्था और अश्मरी की जीर्णता के अनुसार भिन्न भिन्न औषध कल्पों का प्रयोग करा कर विरेचन कराया जाता है।निम्न औषधियों/द्रव्यों का प्रयोग किया गया ...*

*आरोग्य वर्धिनी वटी*
*रज: प्रवर्तिनी वटी*
*शिवक्षार पाचन चूर्ण *
*नारिकेल लवण*
*फलत्रिकादि क्वाथ*
*अश्मरी हर क्वाथ*
*शरपुंखा क्षार, मूली क्षार, टंकण क्षार*
*वरूण रोहितक एलुआ हरीतकी मरिच पाषाणभेद आरग्वध*
*Olive oil त्रिकटु चूर्ण के साथ विरेचन हेतु*
*इक्षुमूल*
*पुनर्नवा,तृणपंचमूल चिरायता शुंठि*
*कुटकी*
*आरग्वध*
*गुड़ हरीतकी,कुटकी और त्रिकटु के साथ*

*अधिकतर रोगी हर सप्ताह या दो सप्ताह बाद देने वाले विरेचन को सहन नही कर पाते अत: लाभ होने के बाद भी उनकी चिकित्सा बंद हो जाती है, संग दोष दूर करने के लिये ovarian cyst के लिये संजीवनी वटी का भी प्रयोग किया गया।*

[1/20, 04:41] Dr Pankaj Chhayani: 👌🙏

[1/20, 04:57] Prof. Ramakant Chulet Sir: 

अद्भुत आनंददायक वैज्ञानिक तथ्य आधारित वैज्ञानिक विवेचना, सिद्धांतों का अनुसरण करते हुवे चिकित्सा कौशल से लिए गए सुखद परिणाम एवं प्रत्येक बार सुखद परिणामों से ही शास्त्रीय सिद्धांतों की पुष्टि हेतु आपका बा रंबार  अभिनन्दन वैद्यराज !

[1/20, 06:45] Sanjay Chhajed Dr. Mumbai:

 How about Ghrit sirji ?

[1/20, 07:46] Dr Ashwini Kumar Sood, Ambala: 

Fantastic
After challenging the surgically curable disease like NAGARJUNA Vaidya Sharmaji handles a case 👌

[1/20, 07:57] Vd Raghuram Bhatta, Banguluru: 

🙏🙏🙏Acharya ji

[1/20, 08:11] Dr Divyesh Desai: 

जी,सर धन्यवाद पिताश्मरी की आपके पास जो फॉर्मूला है इस मे से मुझे मेरे pt में भी अवश्य उपशय मिलेगा।।👌👌

[1/20, 08:12] Dr Raj Tilak Tiwari: 

Sir
My personal experience more than 10 patients successfully treatment last 1 years 
Only force full Ayurvedic diuretic yog only !!

[1/20, 08:15] Dr Raj Tilak Tiwari: 

Wut Mild shodhan regular !!

[1/20, 08:16] Dr Raj Tilak Tiwari: 

Takra 200 Ml with sandhav +trikatu churan 1 to 2 gm daily in noon.

[1/20, 08:23] Prof. Deep Narayan Pandey: 

Doctor saheb,

Can you please post a slightly detailed description? That would be great.
💐🙏

[1/20, 08:24] Prof. Deep Narayan Pandey: 

*Brilliant case sharing.* 

*Well done Dr. Subhash Sharma ji.*

👌🌹💐🙏

[1/20, 08:28] Vd Raghuram Bhatta, Banguluru: 

Thanks so much sir ji🙏🙏

[1/20, 08:29] Vd Raghuram Bhatta, Banguluru: 

🙏🙏🙏 adwiteey guruji, clinical genius you are sir🙏💐💐💐

[1/20, 08:33] Dr Sameer Shinde:

 👌👌 very nice Sir !

[1/20, 08:36] Dr Raj Tilak Tiwari: 

Sir
He has b/l renal stone and gallbladder ston !!

[1/20, 08:36] pawan madan Dr: 

अदभुत
सबसे महत्वपोइर्ना है के हम यहा चिकित्सा सत्र पर पैनी नज़र रक्खें

प्रमाथी द्रव्य प्रयोग ।अतिउत्तम।

और पित्तवीरेचन ।

🙏🙏

[1/20, 08:36] Dr Raj Tilak Tiwari: He has  cholelithiasis,

[1/20, 08:39] pawan madan Dr: 

Single GB calculus can be evacuated with teekshna aushadh pryoga.
I remember one case of expelling 21 mm GB stone which was single few yrs back but then I took many cases of GB multiple stones which all were failures.

[1/20, 08:39] pawan madan Dr: 

🙏🙏🙏👏🏻👏🏻

[1/20, 08:42] pawan madan Dr: 

Great

👏🏻👏🏻👏🏻
Can u post details of any one of such cases explaining the chikitsa sutra?

[1/20, 08:46] Dr Raj Tilak Tiwari: 

She was admitted on 17 January



K/c/o CKD
Under me
She has been complains 
Oedeme all over Boday
Anurea
Ayurvedic diagnosis MUTRAGHATA
Only two days treatment no vomating 
Increasing out put more than 600 'll in 24 hrs
It is very easy to treat renal case by Ayurvedic treatment !!

[1/20, 08:52] pawan madan Dr: 

And what about creatinine sir ?

[1/20, 08:56] Dr Raj Tilak Tiwari: 

Creatinine lavel is 13.9 same

[1/20, 08:56] Dr Raj Tilak Tiwari: 

Don't target to decrease creatinine lavel  it reduce automatically..

[1/20, 08:57] Dr Raj Tilak Tiwari: 

We have to evaluate systematic effects.

[1/20, 08:57] Dr Raj Tilak Tiwari: 

Roule out the cause of increase of creatinin

[1/20, 08:58] Prof. Deep Narayan Pandey: 

*Brilliant. Outstanding sharing*

*Thank you indeed Dr. Raj Tilak Tiwari ji*

👌💐🙏🌹

[1/20, 08:59] pawan madan Dr: 

Ok..to aapke anusaar is me kyaa cause hai ?

[1/20, 08:59] Dr Raj Tilak Tiwari:

 I have sent patients for the further investigation in higher center !!

[1/20, 09:00] Dr Raj Tilak Tiwari:

 My provisanal diagnosis is metabolic cause.

[1/20, 09:00] pawan madan Dr: 

Systemic symps to easily theek hi jaate hai par these are not permanant effects...

[1/20, 09:00] pawan madan Dr: 

I was expecting Ayurvediv nidaan samprapti...

[1/20, 09:00] Dr Pravin Soni Beawar:

 Thanku sir.💐

[1/20, 09:09] Dr Raj Tilak Tiwari: 

I want to differenciate either cause is pre renal 
Renal or  post renal !!

[1/20, 09:09] Dr Raj Tilak Tiwari:

 K/C/O HTN,

[1/20, 09:09] Dr Bhavesh Modh:

 👌😊🙏
वर्तमान समय की आवश्यकता व कर्माभ्यासु आयुर्वेदाचार्यो का कर्तव्य .... There are too many  औषधयोगाः in  शास्त्रः but still we *need to find, their correct usage* 
🌹✌

[1/20, 09:11] Dr Raj Tilak Tiwari:

 I have done ECG AND CHEST X rey and other investors !!

ECG Shows LBBB

And x ray shows cardiomegaly..

So I have refer her for further evaluation !!

[1/20, 10:24] Dr Surendra A Soni: 

Namo namah aacharya shree  Subhash  ji !
A mile stone presentation ! 

🙏🙏🌹🌹🌹

[1/20, 12:37] Dr. D C Katoch sir: 

रोचक विवेचन किया है आपने मान्यवर। पित्ताश्याश्मरी की औषधचिकित्सा में रोगी और चिकित्सक दोनों को धैर्य रखना होता है, बार बार औषधियां बदलने से लाभ नहीं मिल सकता और न ही ज्यादा व कई औषधियां देने से। सिद्धांततः संघातनाशक (कफमेदहर), सारक व स्रोतोशोधक औषधों का चिरकाल तक सतत प्रयोग अपेक्षित है पित्ताश्याश्मरी के विघट्टन के लिए ।  एतदर्थ अर्क मकोय, त्रिफला फाण्ट या क्वाथ मूलक क्षार / श्वेत पर्पटी के साथ और पुनर्नवादिगुग्गुल का 4-6 मास तक  सेवन मैं करवाता हूँ ।


[1/20, 20:08] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: 

*thanks to all*
🙏🙏🙏💐💐💐🙏🙏🙏

[1/20, 20:44] Sanjay Chhajed Dr. Mumbai: 

Sirji,
You have provided guidance to all of us, how to tackle anukta vyadhi. If we try to understand pathology, convert it to Ayurveda basics. Any modern diagnosis where pathology is well explained and understood,can be converted step by step to Ayurveda. Make sure of all the Dosh Dushya to it's guna level and then plan the treatment accordingly. Definitely successful.
What a wonderful way to manage.
Thank you very much for providing the methodology to all.

[1/20, 21:09] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: 

*अगर आप जैसे मित्रों का साथ मिले तो आयुर्वेद को बहुत आगे तक पहुंचाया जा सकता है।बहुत से cases with evidence अभी लिखने के लिये है कि आपको आश्चर्य होगा।*

🙏🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏🙏

[1/20, 21:11] Dr Surendra A Soni: 🌹🙏

[1/20, 21:13] Dr Vinit Arora: 

आचार्य जी आप हम सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, जो निस्वार्थतः आयुर्वेद के लिए कार्यरत हैं ।🙏🙏🙏🙏
गुरुजन !
खर्राटे की समस्या से बहुत मरीज आते है, इसके लिए नस्य बताया जाता है, इसमें और क्या प्रभावी चिकित्सा कर सकते है !

[1/20, 21:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi: 

*आयुर्वेद वहां तक पहुंचा है जहां modern को जाने में कई वर्ष लगेगें मगर हमें इसकी investigations और अन्य सहायता लेने में संकोंच नही करना चाहिये*

[1/20, 21:19] Dr Ashwini Kumar Sood, Ambala: ✅👌

[1/20, 21:22] Dr Vinod Mittar, Bhiwani: 

Thanks pranacharya ji, hum bhi apkae ashirwaad k sath Ayurved  ko Aage badhana chahte h💐💐🙏

[1/20, 21:37] Prof Giriraj Sharma: 

सादर नमन आपके चिकित्सिय प्रयोगधर्मी साहस एवं समझ को आचार्य ।।
🌹🌹🌹🌹🙏🏼🌹🌹🌹🌹

[1/20, 21:48] Dr Rupinder Kaur: 👌👌🙏🙏

[1/20, 22:12] Dr Devesh Tiwari: 

धन्यवाद गुरुवर कोटि कोटि प्रणाम

[1/20, 23:18] Dr. Sharad Trivedi, Shimala: 

सर्वतोभद्र लौह सन्दर्भ रस योग सागर से 3mm की पित्ताश्मरी 1 माह प्रयोग से निकल जाती हैं। मैंने 2 रोगियों की निकली है।

[1/20, 23:20] Dr. Ravikant Prajapati M. D, BHU.: 

🙏🙏🙏💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏


********************************************************************



Above case presentation & discussion held in 'Kaysampraday" a Famous WhatsApp group  of  well known Vaidyas from all over the India. 











  Presented by









Vaidyaraj Subhash Sharma

MD (Kaya-chikitsa)

New Delhi, India

email- vaidyaraja@yahoo.co.in












Compiled, edited & Uploaded by

Dr.Surendra A. Soni


M.D., PhD (KC)
Associate Professor
DEPT. OF KAYACHIKITSA
Govt. Ayurveda College
Vadodara GUJARAT, India.
Email: surendraasoni@gmail.com
Mobile No. +91 9408441150

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