WDS 57: 'Amla-pitta' and prolonged use of 'Proton Pump Inhibitor drugs' by Dr. Harish Verma, Prof. Deep Narayan Pandey, Dr. Shashi Jindal, Dr. Pawan Madaan, Dr. Ankur Sharma, Dr. Reena Purani, Vd. Subhash Sharma, Dr. Bhadresh Nayak., Dr. Pankaj Chhayani, Dr. Priy-ranjan Tiwari & others.
[8/20, 5:02 PM] Harish Verma Canada: Proton pump inhibitors (PPIs) reduce the production of acid by blocking the enzyme in the wall of the stomach that produces acid. Does it mean these drugs cause *Agnimandhya*. Can we include PPIs in list of Modern Causative Factors of Agnimandhya. [8/20, 5:27 PM] Dr Shashi Jindal, Chandigarh: If given without indications, in large doses and for prolonged period. [8/20, 5:34 PM] Prof. Deep Narayan Pandey: एसिडिटी या पेट की जलन के लिये ओमेज़, ओम्प्रजोल या प्रिलोसेक या ऐसी तमाम प्रोटोन पंप इन्हिबिटर्स का दीर्घकालिक प्रयोग बहुत हानिकारक है| प्रोटॉन पंप अवरोधक दवा उनमें से हैं जिनका लंबी अवधि के उपचार के लिए उपयोग विशेष रूप से बढ़ रहा है| अक्सर इनके निर्धारित मात्रा से ज्यादा और अनुचित उपयोग से भारी प्रतिकूल प्रभावों का पता चला है| इनमें संक्रमण का खतरा बढ़ना, विटामिन और खनिजों के आंतों में अवशोषण को कम करना, गुर्दे की क्षति और मनोभ्रंश या डेमेंशिया शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ अध्ययनों में बृहदान्त्र कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर, हृ