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Case-presentation: *व्यवहारिक (practical ) आयुर्वेद*:- विविध-स्रोतस-संग-चिकित्सा by Vaidyaraja Subhash Sharma

[6/25, 6:27 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma:        *व्यवहारिक (practical ) आयुर्वेद* *यकृत वृद्धि, प्लीहा वृद्धि, prostate gland वृद्धि, free fluid in abdomen, GB CALCULUS 18.1 mm = विभिन्न स्रोतस का संग दोष ।* *दीपन-पाचन--अनुलोमन-भेदन-लेखन-विरेचन आदि को हम आयुर्वेदीय चिकित्सा के सम्पुट किये बीज मन्त्र मानते हैं जिनका उपयोग कहां और कैसे करें ? यह जान कर असाध्य रोगों की चिकित्सा भी सरलता से की जा सकती है बस इन्हे सिद्ध कर लीजिये ।* *आज हम आयुर्वेद के सिद्धान्तों पर चर्चा करेंगे ....* *रोगी जब आपके पास आता है तो वह वो स्थितियां ले कर आता है जो ग्रन्थों से बाहर है, विभिन्न स्रोतस लिप्त मिलेंगे, पहले किस की चिकित्सा करेंगे, आधुनिक मतानुसार तो एक रोग शल्य साध्य है और शेष असाध्य तो क्या आयुर्वेद से उपचार संभव है ?  बल कम होने से बीच में अन्य नवीन गंभीर  व्याधि भी आ गई तो क्या करेंगे ?  रोगी आधुनिक चिकित्सा के लिये गया तो क्या वापिस आपके पास आने की स्थिति में होगा ?* *कैसे परीक्षण करेंगे, हेतु, खवैगुण्य-दोष-दूष्य-स्रोतस और दुष्टि ?  ऐसे अनेक प्रश्नों के ल...

आयुर्वेद रहस्य - पित्त प्रकरण भाग - 6 by Vaidyaraja Subhash Sharma

[3/22, 1:01 AM] Vaidyaraj Subhash Sharma:  *आयुर्वेद रहस्य- पित्त प्रकरण भाग -6* *21-3-2022* *case presentation ....  अति तिक्त रस प्रयोग- आधुनिक औषध और शुष्क - रूक्ष पित्त का बाह्य स्वरूप पित्त चिकित्सा विज्ञान सहित ...* *आधुनिक समय में विभिन्न रसायनिक प्रक्रियाओं से निर्मित अनेक औषधियां तिक्त रस प्रधान हैं जो उष्णवीर्य भी हैं और रूक्ष गुण आधिक्य भी,  'तिक्तो रसः... पित्तश्लेष्मो..शोषणो..रूक्ष..लघु'  च सू 26/42  तिक्त अति सेवन सेवन करने पर पित्त और कफ का शोषण करता है तथा रूक्ष और लघु भी है। इनमें कुछ द्रव्य पित्त के कुछ गुणों की जहां वृद्धि करते हैं वही कुछ द्रव्य पित्त के द्रवत्व अथवा द्रवांश का  शोषण कर पित्त शोषक द्रव्य बन जाते हैं और वात के कुछ वृद्ध अंशों से मिलकर शरीर में रूक्षता, खरता, कंडूता, त्वक् वैवर्ण्य, त्वचा में उदर्द एवं कोठ युक्त असहिष्णुता (allergic ) युक्त प्रतिक्रिया उत्पन्न कर देते हैं।* *इसका उदाहरण यह रोगी है।* *रोगी/ male/ 54 yrs/ businessman* *viral fever, प्रतिश्याय एवं गल संक्रमण होने पर ताप एवं जीवाणु नाशक आधुनिक औषध के अति प्रयो...