[9/14, 8:22 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi:
*case presentation - Hepatitis C
(HCV quantitative) & ayurvedic management*
*case presentation - Hepatitis C
(HCV quantitative) & ayurvedic management*
*male/ 44/ property business रोगी दिखने में स्वस्थ, body wt. 80 kg. पिछले एक महीने से clinic पर appointment ना मिलने से निराश था और कई मैसेज और mail में लिख रहा था कि मेरे शरीर में कुछ विकार है जो समझ नही आ रहा पर 2 hours gym में work out भी करता था, high प्रोटीन diet ले रहा था पर उत्क्लेश, कदाचित गात्र कंडू, अंगसाद, दौर्बल्य, उदर गुरूता, अंगमर्द और कभी ज्वर प्रतीति जो थर्मामीटर में नही आता था लक्षणों से ग्रस्त था।*
*इसी अवधि में किसी परिचित को hospital में blood donate किया तो hospital से उसे फोन आ गया कि आप तुरंत आ कर यहां डॉक्टर को दिखायें क्योंकि आपको hepatitis C positive है।*
*लक्षणों में भय और शोक दो अतिरिक्त लक्षणों से क्षुधानाश और दौर्बल्य और जुड़ गये । हमने रोगी को अपने clinic पर बुलाकर पूरी history ली कि उसने पहले कहीं किसी camp में रक्त दान किया हो, बाहर शारीरिक संबध तो नही बनाये, infected razor से shaving तो नही हुई आदि आदि पर अंत में कारण मिला कि public place पर उसने शरीर में tattoo बनवाये थे और यह कारण हमें कई रोगियों में पहले भी मिल चुका है।*
*hepatitis C के अतिरिक्त अन्य सभी investigations की reports normal range में थी,और सम्प्राप्ति घटक रोगी परीक्षा के बाद इस प्रकार बनाये गये..*
*त्रिदोषज व्याधि जिस में पित्त प्रधान है पर कफ और वात दोष साथ है,रोग का कारण आगंतुक (tattoo द्वारा) मिला जिसने त्वचा और मांस में प्रवेश कर रस और रक्त को दूषित कर यकृत में अधिष्ठान बनाया, अत: दोषों की अंशांश कल्पना chronological order के साथ इस प्रकार की गई...*
*पित्त- भ्राजक,पाचक,रंजक*
*कफ - क्लेदक*
*वात- समान और व्यान*
*दूष्य - त्वचा मांस रस और रक्त*
*स्रोतस - रस रक्त और मांस*
*स्रोतोदुष्टि - संग और विमार्ग गमन*
*अग्नि - जाठराग्नि और धात्वाग्नि*
*रोगाधिष्ठान - यकृत*
*व्याधि स्वभाव - जीर्ण रोग में परिवर्तित *
*साध्यासाध्यता - उचित चिकित्सा ना मिलने पर असाध्य अन्यथा कृच्छसाध्य और सटीक सम्प्राप्ति विघटन पर सुख साध्य*
*चिकित्सा सूत्र- सर्वप्रथम तीन दिन घृतपान करा कर मृदुविरेचन, दीपन,पाचन,अनुलोमन,स्रोतों शोधन,रक्त शोधन,यकृत उत्तेजन,जीवाणु नाशक योग,शोथध्न और रसायन,सत्व और मवोबल वृद्धि के लिये meditation*
*चिकित्सा - रोगी को तीन दिन तक प्रात: सांय 10-10 ml महातिक्त घृत पान कराया गया और आहार में मंड रहित भात, कृशरा, मूंग एवं मसूर दाल सूप आदि लघु आहार दे कर तीसरे दिन रात्रि में 5 gm हरीतकी और 3 gm कुटकी से रेचन कराया, अगले दिन 6-7 बार मल विसर्जन हुआ।*
*पांचवे दिन से महातिक्त घृत इस प्रकार दिया गया ...*
*day 5 - 5 ml*
*day 6 - 10 ml*
*day 7 - 15 ml*
*day 8 - 20 ml*
*day 9 - 25 ml*
*इसी प्रकार से 5-5 ml कम कर के 5 ml पर 9 वें दिन के बाद घृत बंद कर दिया गया।*
*दसवें दिन से फलत्रिकादि क्वाथ 5 gm, भृंगराज चूर्ण 1 gm, नागरमोथा 2 gm और शरपुंखा चूर्ण 2 gm ये सब लगभग 10 gm ले कर क्वाथ बनाकर प्रात: सांय दिया गया।*
*आरोग्य वर्धिनी 1-1 gm bd*
*संशमनी वटी 2 bd*
*पुनर्नवा घनवटी 2 bd*
*आवश्यकता पड़ने पर शिवक्षार पाचन चूर्ण भोजन के बाद दिया गया।*
*चिकित्सा के मध्य में कूष्मांड स्वरस, गुडूची स्वरस और करेले का स्वरस तथा गौधूम + यव की चपाती भी दी गई।*
*चिकित्सा एक महीने चलने के बाद परिणाम इस प्रकार मिला ...*
2/6/19 - Hepatitis C 3.39 +ve
[9/14, 8:47 PM] pawan madan Dr:
Wonderful....👌🏻👌🏻
Wonderful....👌🏻👌🏻
Mahatikta ghrit as vardhmaana kalpa...👌🏻💐👌🏻
[9/14, 8:51 PM] Dr Isha Aneja: Wonderful sir👌👌👌
[9/14, 8:53 PM] BS Sandhu Kurukshetra:
👍🏻👍🏻👍🏻 Congratulations on big breakthrough.
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Vaidyaraj Subhash Sharma
👍🏻👍🏻👍🏻 Congratulations on big breakthrough.
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Above case presentation & discussion held in 'Kaysampraday" a Famous WhatsApp group of well known Vaidyas from all over the India.
Presented by
Vaidyaraj Subhash Sharma
MD (Kaya-chikitsa)
New Delhi, India
email- vaidyaraja@yahoo.co.in
Compiled & uploaded by
Dr.Surendra A. Soni
M.D.,PhD (KC)
Professor & Head
Professor & Head
P.G. DEPT. OF KAYACHIKITSA
Govt. Akhandanand Ayurveda College
Ahmedabad, GUJARAT, India.
Email: surendraasoni@gmail.com
Mobile No. +91 9408441150
Excellent Anoop Sir. Treat more cases of various prakriti types with same combination and evaluate results. Keep it up.
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