[6/7, 10:17 PM] Vd. Arun Rathi Sir, Akola: श्लेष्मातक. संस्कृत : श्लेष्मातक- (कफ को बाहर निकालने वाला, फुफ्फुस एवम श्वास नलीका पर कार्य करने वाला ). बहुवारक- (बहोत से रोगो पर कार्य करने वाला ). हिन्दी : लसोडा, लिसोडा. मराठी : भोकर. Latin : Cordia Dichotoma. English : Indian Cherry, Clammy Cherry, Sebestian Plum. Family : Boraginaceae. उपयुक्त अंग : छाल, फल. उपयोग : सर्दी, खाँसी, दमा, मूत्राघात, मूत्रदाह, नकसीर, व्रणरोपक, शुक्रवर्धक, त्वचा रोग, किट दंश स्थान पर इसके छाल का लेप करते है ।. भारतीयमाल्या प्रदेश का निवासी है । इसका ३० से ४५ फिट ऊँचा, सदाहरीत, बहुवर्षायु वृक्ष होता है। पत्र गोलाकार १ से ५ इंच व्यास के होते है। नई पत्तीया पुष्ठ पर रोमश किन्तु प्रौढ पत्र चिकने होते है । पुष्पमंञ्जरीयों मे छोटे श्
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