*Case study-*
*अग्नि विकृति जन्य कफावृत वात एवं hypothyroidism*
*विकारनामकुशलो ना जिहीयात् कदाचन, न हि सर्वविकाराणां नामोऽस्ति ध्रुवा स्थिति:।*
*स एव कुपितो दोष: समुत्थान विशेषत:, स्थानान्तरगतैश्चैव जनयत्यामयान् बहून।।
च सू 18/44*
*अर्थात चिकित्सक यदि रोग का नाम निर्धारित ना कर सके तो उसे अपनी अज्ञानता से लज्जित नही होना चाहिये क्योंकि सभी रोगों का नाम निर्धारण संभव नही, वास्तव में वही कुपित दोष स्थान भेद से अनेक रोगों को उत्पन्न करता है।*
*Hypothyroidism पर group में पहले बहुत चर्चा हो चुकी है, april 2018 से june 2018 के बीच अनेक रोगियों की चिकित्सा में से 4 रोगियों का चिकित्सा विवरण यहां present किया जा रहा है जिनमें increased TSH के साथ निम्नलिखित मिश्रित लक्षण मिले। इनमें 3 female और 1 male है।*
*इनमें केवल एक patient जिसका TSH 150 था thyronorm 25 mcg ले रही थी, बाकी रोगियों केवल हमारी चिकित्सा पर ही आश्रित थे।*
*लक्षण - *(साम वात, कफ)*
*आध्मान (वात)*
*अनवस्थित चित्त एवं चित्त भ्रम (वात)*
*गौरव, अंगमर्द - (साम वात, साम रस, कफ, मांस, मेद; च.चि.28)*
*दौर्बल्य एवं अंग ग्रह (साम रस, मेद गत वात)*
*calf pain (साम वात, मांस धातु)*
*स्थौल्य - मेदो वृद्धि (साम मेद, मेदोगत कफ)*
*विबंध - (साम वात अ.सं सू.,पक्वाश्य गत वात)*
*अवसाद (साम रस,कफ)*
*कदाचित स्मरण शक्ति दौर्बल्य (वात, साम मज्जा)*
*गल प्रदेश शोथ (साम कफ, साम मेद, साम मांस, कफ)*
*स्वर गुरूता कदाचित भ्रंश सदृश (उदान वात)*
*कदाचित सर्वांग अथवा मुख शोथ (साम कफ)*
*कदाचित ह्रद ग्रह (साम वात)*
*स्वभाव में असहिष्णुता (वात)*
*2 स्त्रियों में अनियमित आर्तव (समान वात)*
*दोष - वात (प्राण, उदान, समान, अपान, व्यान)*
*पित्त (पाचक पित्त की दुष्टि)*
*कफ - (क्लेदक, अवलंबक और बोधक)*
*दूष्य - मुख्यत: रस धातु ही कारण मिलता है*
*स्रोतस - रस, मांस, मेद और कई रोगियों में मज्जा वाही*
*अग्नि - जाठराग्नि और धात्वाग्नि*
*दुष्टि - संग*
*उद्भव स्थल - आमाश्य*
*अधिष्ठान - गल प्रदेश सहित सर्वांग*
*मुख्यत: इन रोगियों में अग्नि की दुष्टि मिली, कफ की प्रधानता एवं साम रस की उत्पत्ति से कफ द्वारा वात का आवरण ही मिला।*
*चिकित्सा सूत्र - कफ और वात शीत गुण छोड़ दे तो विपरीत गुण वाले है, चिकित्सा में यह ध्यान रखा गया।*
*आम पाचन कर अनुलोमन, मेध्य, ह्रद्य, भेदन, शोथघ्न, कण्ठश्च, मेदहर, कफ वात शमन।*
*कांचनार छाल 5 gm (कफ नाशक), त्रिकटु चूर्ण 2 gm (पाचन एवं वात कफ हर) और शरपुंखा 5gm(कफघ्न और स्रोतो शोधक) क्वाथ बनाकर प्रात: सांय।*
*कांचनार गुग्गलु (वात कफ नाशक) 2 से 3 वटी 3 बार*
*आरोग्य वर्धिनी वटी (दीपन,स्रोतो शोधक, ह्रद्य, शोथ और मेद हर) 2 गोली 3 बार*
*पुनर्नवा मंडूर (कफ,वात और शोथ हर) 2-2 गोली 2 बार*
*संजीवनी वटी -वत्सनाभ रहित प्रयोग करते है हम, क्योंकि कई बार वत्सनाभ कुछ रोगियों मे palpitation कर देता है (आम दोष हर पाचन, कफ-वात हर) 300 mg की 2-2 गोली 2 बार।*
*2 रोगियों को सांय काल गुड़ 10 gm और हरीतकी चूर्ण (मस्तिष्क के लिये बल्य, शोथघ्न, गलरोग, स्वरभंग, अनुलोमन) 5 gm सांयकाल भोजन से 1-2 घंटा पूर्व और दो रोगियों में कुटकी चूर्ण (कफहर, ह्रद्य, भेदन, संस्रन) 2-3 gm दिया गया।*
*बीच में वरूणादि क्वाथ (मूत्रल एवं शोथ हर) भी कभी दिया गया।*
*3 रोगियों को ब्राहमी वटी बुद्धि वर्धक 1-2 गोली 2 बार।*
*2 देसी तांबूल स्वरस प्रात: खाली पेट थोड़ा सा काला नमक और मधु मिला कर दिया गया।*
*investigations report इस प्रकार रही ...*
Patient 1 —
1/5/18———-------13/6/18—
TSH— 9.04 ———4.81——-
( 49/yrs/female)
Patient 2—15/5/18——14/6/18—-
TSH————6.54———4.75—-
(45/yrs/male)
Patient 3 -
18/4/18----11/6/18... 25/6/18
TSH-71.87 -- 150 45.78
(32/yrs/female) on thyronorm 25 mcg.
Patient 4 —
19/3/18—......29/5/18—
TSH 6.14 ———......0.03
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Patient 1
Before Treatment
After Treatment
Patient 2
Before Treatment
After Treatment
Patient 3
Before treatment 1
After Treatment (Medication continued)
Patient 4
Before Treatment
After Treatment
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Reviewed & uploaded by
Dr.Surendra A. Soni
M.D., PhD (KC)
Associate Professor
Dept. of Kaya-chikitsa
Govt. Ayurveda College
Vadodara Gujarat, India.
Email: surendraasoni@gmail.com
Mobile No. +91 9408441150
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ReplyDeleteThnx sir for shared.
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