Skip to main content

Case-presentation: Pourush-granthi-vriddhi/ Mutravah-srotodushti (BPH) by Vaidyaraja Subhash Sharma

[9/27, 1:33 AM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi: 

*case presentaion - 

मूत्रवाही स्रोतोदुष्टि (prostatomegaly) की आशुकारी आयुर्वेदीय चिकित्सा व्यवस्था।*

*शकृन्मार्गस्य बस्तेश्च वायुरन्तरमाश्रित:।
अष्ठीलाभं घनं ग्रन्थिं करेत्यचलमुन्नतम्। 
वाताष्ठीलेऽति साऽऽध्मानतविण्मूत्रानिलसंगकृत।।
अ ह नि 9/23*

*अर्थात मल तथा मूत्रमार्ग मध्य स्थित अपानवायु पत्थर ढेला सदृश स्थिर ऊंची ग्रन्थि बना देता है, जिससे उदर आध्मान,मल,मूत्र, अपान वात प्रवृत्ति में बाधा उत्पन्न होती है।*

*चरक अनुसार ‘मूत्रकृच्छ: स य: कृच्छ्रान्मूत्रयेद्..’ अर्थात कष्ट पूर्वक मूत्र त्याग करता है और मूत्राघात पर विजयरक्षितजी की टीका माधव निदान में कहा है 
‘मूत्रकृच्छ मूत्राघात तयोश्चायं विशेष: मूत्रकृच्छ्रे।*
*कृच्छ्रलमतिशयितं ईषद विबन्ध: मूत्राघाते कु विबन्धो बलवानं कृच्छ्रत्वमल्पमिति*

*अर्थात मूत्रकृच्छ्र में मूत्र कष्ट पूर्वक होता है पर मूत्राघात में आता ही नही*

*शास्त्र से सूत्र मिले हमने उनका विस्तार कर रोगी में prostate enlargement के सम्प्राप्ति घटक बनाये और चिकित्सा सूत्र निर्धारित कर औषध दी तो परिणाम आशा से अधिक मिले।*

*enlargement of prostate की चिकित्सा प्राय: 3-6 महीने तक चलती है और पूर्ण लाभ मिल जाता है, पर इस रोगी में हमने गंभीर चिन्तन कर के जो सम्प्राप्ति विघटन किया तो मात्र 28 दिन में ही रोगी स्वस्थ हो गया और rt. ureter की 11.4 mm अश्मरी को भी शरीर से बिना किसी उपद्रव या अश्मरी जन्य शूल के बाहर कर दिया।*

*male/age 53 yrs/ farmer*

*chief complaints - पुन: पुन: मूत्र प्रवृत्ति, रात्रि में 4-5 बार मूत्र त्याग, मूत्र अल्प एवं बूंद बूंद कर आना, रात्रि जागरण से शिरो गुरूता एवं अंग साद, विबंध, आध्मान, CA prostate जन्य भय, कदाचित उदर अधोभाग रूजा।*

*History of present illness - 
रोगी को तीन वर्ष से प्रोस्टेट की व्याधि के लक्षण थे जिसकी शल्य क्रिया जनवरी 2018 में की गई थी और पुन: व्याधि लक्षण होने पर अगस्त 2018 में enlarged prostate मिली।*

*History of past illness - 
कई वर्ष पूर्व मदात्यय जन्य कामला, जीर्ण कास,युवावस्था से विबंध।*

*Family History - संधिवात*
*नाड़ी - वात पित्त, व्यायाम - 30 मिनट भ्रमण, व्यसन - पूर्व में मद्यपान और अब बीड़ी सेवन, त्वक - रूक्ष, मल - विबंध,मूत्र - अल्प एवं अवरोध युक्त, स्वेद - अभाव।*
*उदर परीक्षण - अधोभाग में दबाने पर वेदना।*

*सम्प्राप्ति घटक - *
*दोष - अपान समान वात, पाचक पित्त, क्लेदक कफ*
*दूष्य - रस,पुरीष और मूत्र*
*स्रोतस - रस, मूत्र और पुरीष वाही*
*स्रोतो दुष्टि - संग*
*उद्भव स्थान - आमाश्य *
*रोगधिष्ठान - पक्वाश्य*
*साध्यासाध्यता - कृच्छ साध्य*

*चिकित्सा सूत्र - पाचन, अनुलोमन, मूत्र शोधन 
(मूत्र reaction acidic ना हो इसलिये),  शोथध्न, भेदन, मूत्र विरेचन और आवश्यकता पड़ने पर शूलशमन (इसकी आवश्यकती ही नही पड़ी)*

*औषध ...*
*पाषाण भेद,पुनर्नवा,,वरूण और गोखरू 100-100 gm यवकुट, इसमें से 10 gm प्रात: 10 gm सांय ले कर क्वाथ बनाकर उसमें लगभग 3 gm सर्जिका क्षार एवं 1 gm हजरूल यहूद भस्म मिलाकर खाली पेट दिया।*

*गोक्षुरादि गुग्गलु 3-3 *
*कुटकी चूर्ण + हरीतकी चूर्ण 2-2 gm सांय भोजन से आधा घंटा पूर्व।*
*भोजन के आधा घंटा बाद शिवक्षार पाचन 3 gm+ शुद्ध नौसादर 500 mg+ यवक्षार 2 gm उष्णोदक से*
*नित्यानंद रस 2-2*
*कांचनार गुग्गलु 2-2*

*अपथ्य - तिल, पालक, टमाटर, बैंगन, अचार, उष्ण तीक्ष्ण पदार्थ, चना, मैदा, अधिक स्निग्ध तैलीय पदार्थ।*
*पथ्य - प्रतिदिन 1-2 मूली, तोरई, यव का सत्तू, fresh खीरा,लौकी आदि।*

*चिकित्सा आरंभ की गई 29 अगस्त 2019 से, रोगी के पास usg report थी 25-9-18 की,हमने उसे नया usg कराने के लिये कहा तो वह भयभीत था कि कहीं कैंसर ना बन गया हो क्योंकि जनवरी में sugery हो चुकी थी।*

*usg report इस प्रकार रही ...*

24-8-18 -- RK middle calyx calculus 15 mm
RT ureter calculus 11.4 mm
PROSTATE - 48/44/38 mm
wt. 39.34 gm
----------------------------------------
25-9-19
RK calculus - 11.6 mm
ureter - no calculus
PROSTATE - 29/33/21 mm
wt. 15 gm
( size & wt. normal मिला)
------------------------------------
*कुल चिकित्सा अवधि 28 दिन की रही जिसमें prostate का size,weight तो normal आया ही और 11.4 mm ureter calculus से भी मुक्ति मिली।रोगी का कैंसर भय दूर करने के लिये हमने PSA भी test करा दिया जो within normal range मिला।*
*देखें reports...* 👇🏿



























[9/27, 6:01 AM] Dr Ankur Sharma, Delhi: 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹👏👏👍👍👌👌👌

[9/27, 6:14 AM] Prof. Ramakant Chulet Sir: 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏

[9/27, 6:15 AM] Dr C P. Dixit: 💐🙏

[9/27, 6:32 AM] Dr. Ravikant Prajapati M. D, BHU.: 

👏👏🌹🌹🌹🌹🙏🙏 Thank you sir.

[9/27, 6:47 AM] Dr. Digvijay Singh: 👏🏻👍🏻🙏🏻💐

[9/27, 6:51 AM] pawan madan Dr:

 प्रणाम सर
बहुत ही प्रभाव शाली
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

ये सब व्यवस्था से बहुत ही प्रभावी ढंग से मूत्र वह एवं पुरीश्वह स्रोतों शोधन हुआ
नित्यानंद रस मेरी favourite औषधि है। 
और ये बहुत ही अचंभित कर देने वाली बात है के एक है मास में एक सरंचनात्मक विकृति में इतना जबरदस्त पोसेटिव परिणाम आया 
बार बार आपकी पोस्ट को पढ़ कर ये समझने के कोशिश कर रहा हूँ।
🙏🙏🙏

[9/27, 7:11 AM] Dr. Darshan Parmar: 🙏🏼🙏🏼🙏🏼ativ sundar💐💐💐

[9/27, 7:13 AM] Dr. Rituraj Verma: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

[9/27, 7:26 AM] Vd Dilkhush M Tamboli: 👌👌👌
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

[9/27, 7:42 AM] Dr Kapil kapoor: 🙏🏻💐

[9/27, 7:43 AM] Dr Vinod Mittar, Bhiwani: Smoothly done Sir ji
🙏🙏🙏🌹

[9/27, 7:46 AM] Dr Kapil kapoor: 

*नित्यानन्द रस* का नाम _नित्यानन्द_ किस कारण / कर्म के आधार पर रखा गया होगा ?

[9/27, 7:50 AM] pawan madan Dr:

 आमतौर पर मैं नित्यानंद को ट्यूमर एवं सिस्ट जैसी स्तिथियो में इस्तेमाल करता हू धीरे धीरे ये उत्तम लेखन कार्य करता है पर इसमें कुछ मास का समय लग सकता है। मैन इसको प्रोस्टेट में भी इस्तेमाल किया है पर परिणाम उत्साह जनक नाहे रहे
🙏

[9/27, 7:59 AM] Dr Atul Kale, Pune:

 सर really great. आयुर्वेद ज्ञान, युक्ती और आत्मविश्वासका अनोखा संगम है आप. आपका बहोत धन्यवाद. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

[9/27, 8:00 AM] Dr Atul Kale, Pune: 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

[9/27, 8:22 AM] Dr. Mrityunjay Tripathi, Gorakhpur: 🙏🙏🙏💐💐💐👌👌💐💐🙏🙏

[9/27, 8:23 AM] Dr Kapil kapoor: 👌🏻💐

[9/27, 8:23 AM] Dr. Abhishek Kumar Singh: 🙏🏽🙏🏽🙏🏽

[9/27, 8:32 AM] Dr Naresh Garg, Jaipur: 

🙏🙏 great results. Every case presentation is unique..

[9/27, 8:34 AM] Dr Isha Aneja: 🙏🙏🙏

[9/27, 8:39 AM] Dr. Mansukh Mangukia: 👏

[9/27, 8:49 AM] Dr Shashi Jindal:

 Good morning, it was a postoperative re enlargement of prostate, just like tumor, that is why nityanand ras showed results, Dr. Subhash's samprapti and samprapti vighatan is amazing, these are really special skills, rare quality. 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼


[9/27, 8:58 AM] Vd. Aashish Kumar, Lalitpur: 💐💐🙏🏻🙏🏻🌹🌹🙂

[9/27, 8:59 AM] Dr Himani Gour: 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

[
[9/27, 9:06 AM] Vd. Aashish Kumar, Lalitpur: 

इतना लिखने में भी 1 घण्टा लग गया होगा,इनकी पूरी इतिवृति लेने में और अधिक समय, रोग को समझने और चिकित्सा सूत्र स्थापित करने  में कई सालों का अनुभव। यहाँ तक पहुंचने में हमे कई वर्ष लग जाते तो भी वो आत्म विश्वास आ पाना कठिन होता, आपकी कृपा से हम नए चिकित्सको को सही मार्गदर्शन और संघर्ष के कई वर्ष बचाने के लिये आपको कोटि कोटि नमन गुरुदेव।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🌹💐💐💐

[9/27, 9:12 AM] Dr. Rituraj Verma: 

इसीलिए गुरु का सानिध्य अतिमहत्वपूर्ण है

[9/27, 9:16 AM] Vd. Sameer Mukund Paranjanjape: Excellent sir 🙏🏻🙏🏻👌

[9/27, 9:28 AM] pawan madan Dr: 

To kya agar ye post operative na hota to is me results na milte Mam ?

[9/27, 9:33 AM] Dr Shashi Jindal: 

I am not sure , but as you said it was not in your case of prostate hypertrophy, that is why I imagined, pathology is different in hypertrophy and tumors.

[9/27, 10:51 AM] Dr. R S. Soni, Delhi: धन्यवाद आचार्य श्री🙏🙏👌🌹🌹

[9/27, 11:11 AM] Pawan mali Dr.: 

👍👍 aashukari chikitsa sir...👌🏻👌🏻

[9/27, 12:14 PM] Dr. Arun Rathi, Akola: 

👍🏻👌🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻Pranam sir, your case presentations are very inspiring and educative..


[10/2, 3:48 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

कफगुल्मी पिबेत् काले सक्षारकटुकं घृतम् ।
स्थानादपसृतं ज्ञात्वा कफगुल्मं विरेचनैः ॥५३॥
सस्नेहैर्बस्तिभिर्वाऽपि शोधयेद्दाशमूलिकैः ।
मन्देऽग्नावनिले मूढे ज्ञात्वा सस्नेहमाशयम् ॥५४॥
गुटिकाचूर्णनिर्यूहाः प्रयोज्याः कफगुल्मिनाम् ।
कृतमूलं महावास्तुं कठिनं स्तिमितं गुरुम् ॥५५॥
जयेत्कफकृतं गुल्मं क्षारारिष्टाग्निकर्मभिः ।


उक्त केस में *वस्तिगत कफज गुल्म चिकित्सासिद्धांत* भी विचारणीय है ऐसा मुझे लगता है । 
आचार्यो ने महत्वपूर्ण सम्प्राप्ति का एक से अधिक स्थानों पर पृथक पृथक रोगों में वर्णन किया है । जिसका एक उदाहरण ऊपर बताया गया है ।

🙏🌹

[10/2, 4:00 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi: 

*जी सर,अनेक संभावनाये है जैसे महास्रोतस में entry पर कफावृत उदान (hypothyroidism) और exit पर कफावृत अपान, शास्त्रों में इसके लक्षण मल से संबधित है पर मूत्र से नही, इस पर मैं लिखना तो विस्तार से चाहता था पर prostatomegaly कफावृत अपान कहते ही यह कुछ विवादित हो जाती, क्योंकि शास्त्र में लक्षण जो बताये हैं वो पूछा जाता और आवरण में अगर हम लक्षणों का विस्तार कर के स्वयं देखे तो पौरूष ग्रन्थि वृद्धि कफावृत अपान में ली जा सकती है और मेरी चिकित्सा आधारित भी इसी पर थी।।*

           🙏🙏🙏

[10/2, 4:05 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi: 

*वस्तिगत कफज गुल्म दे कर आपने इस क्षेत्र का और अधिक विस्तार कर दिया, आनंद आ गया सर 🙏🙏🙏 मेरे पास तो इस रोग के अनेक रोगी waiting में है क्योंकि सीमित मात्रा में ही fresh औषध हम बनवाते है, अब ये दृष्टिकोण बस्तिगत कफज गुल्म ध्यान में रख कर भी कार्य करते है और अनुभव share करेंगे।*

            🙏🌺🌹💐🙏

[10/2, 4:06 PM] Prof. Surendra A. Soni: 🙏🌹

[10/2, 4:14 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

कोष्ठगत/पक्वाशयगत/गुडगत वात; सभी में मूत्रवह स्रोतोदुष्टि के लक्षण वर्णित है अतः उक्त विचार बनाता है । 
ब्लॉग पर हमारी एक विद्यार्थिनी का ppt Neurogenic bladder पर उपलब्ध है उसमें उक्त सभी वर्णन सम्मिलित हैं ।

🌹🌹🙏🙏

[10/2, 4:16 PM] Dr. R S. Soni, Delhi: 

👌👌👏👏💐💐

खूब ढूंढ कर निकली गई सम्प्राप्ति है।

इस प्रकार से रोग का जब नाम निर्धारण होना संभव तो जाता है, तो फिर चिकित्सा सूत्र और चिकित्सा व्यवस्था निर्धारित करना सभी आयुर्वेद चिकित्सको के लिये और भी सुगम हो जाता है।

कोटिशः धन्यवाद।🌹🌹

[10/2, 4:16 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi: 🙏🙏🙏

[10/2, 4:18 PM] Prof Giriraj Sharma: 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻

[10/2, 4:19 PM] Dr. R S. Soni, Delhi:

 🙏🙏🌹

आपकी प्रयोगशाला अपने आप में एक बहुत बड़ा रिसर्च सेंटर है आचार्य सुभाष जी।🙏

[10/2, 4:28 PM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi:

 *मैं social media से दूर एकांत वासी था, ग्रुप में आने से थोड़ा खुल गया और कार्य के क्षेत्र का विस्तार कर लिया, पिछले दो वर्ष से निरंतर 50 से अधिक female रूग्णाओं पर जिन्हे शरीर में अत्यधिक लोम और और शमश्रु थे कार्य किया और पिछले महीने संपूर्ण सफलता मिल गई, ये आजकल female की burning problem है और इस पर चिंतन की प्रेरणा 'आचार्य गिरिराज जी' के लेखन से मिली थी जब काफी समय पूर्व इन्होने गर्भ के मातृज और पितृज भाव बहुत सूक्ष्मता से स्पष्ट किये थे।*
*हम तो साधक है और सब से सीख ही रहे है।*

          🙏🙏🙏

[10/2, 4:31 PM] Dr. R S. Soni, Delhi: 

🙏🙏🌹

*सार सार को गहि लेह, थोथा देय उड़ाय।।*

आपकी ये ही कला आपको बेजोड़ बनाती है सर🙏🙏

[10/2, 6:32 PM] Dr. Mrityunjay Tripathi, Gorakhpur: 

आचार्य सादर प्रणाम 🙏🙏अर्श रोग में मैं भी ऐसा बताया है कि अर्श रोग के कारण..
गुल्मप्लीहोदरष्ठीलासम्भवस्तत एव च ,,,अं.हं 7/33 श्लोक 
यानी सर जी आप का मार्गदर्शन गुल्म  और अर्श की चिकित्सा के तरफ भी  हो सकती है पौरूष ग्रंन्थि की चिकित्सा  के बारे में🙏🙏🙏

[10/2, 8:24 PM] Dr. Satish Jaimini Choumu, Jaipur: 

accha vichar diya soni ji mahtvpoorn isme ek sujhav or deve ki ye subhash ji sir k kafavrt apan koshtgat vat gudgat vat pakvashay gat astheela m  konsa chikitsa sidhant adhik upyogi hosakta h

[10/2, 9:22 PM] Prof. Surendra A. Soni:

सतीश जी ।
पृष्ट सभी अवस्थाओ के लिए आचार्य चरक ने पृथक सिद्धांत निर्दिष्ट किए हैं जो अवलोकनीय है ।

🙏

[10/2, 9:25 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

गुल्म एकमात्र सम्प्राप्ति च नि में वर्णित है जिसमें सभी GIT सम्प्राप्ति समाविष्ट होती हैं ।
त्रिपाठी जी ।


**************************************************************************




Above case presentation & discussion held in 'Kaysampraday" a Famous WhatsApp group  of  well known Vaidyas from all over the India. 



Presented by











Vaidyaraj Subhash Sharma

MD (Kaya-chikitsa)

New Delhi, India

email- vaidyaraja@yahoo.co.in



Comments

  1. बहुत बहुत धन्यवाद����

    ReplyDelete
  2. Great guru ji .Plz keep it up

    ReplyDelete
  3. Very well explained Vaid ji .
    You r really great .
    Please keep it up .
    We r eager to listen from u .
    Thank you so much sir.

    ReplyDelete
  4. Dr Vinod Sharma , Ghaziabad9 October 2019 at 19:03

    We have to learn from u a lot .

    ReplyDelete
  5. Amazing explaination sir��

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

Case-presentation : 'Pittashmari' (Gall-bladder-stone) by Vaidya Subhash Sharma

[1/20, 00:13] Vd. Subhash Sharma Ji Delhi:  1 *case presentations -  पित्ताश्य अश्मरी ( cholelithiasis) 4 रोगी, including fatty liver gr. 3 , ovarian cyst = संग स्रोतोदुष्टि* *पित्ताश्य अश्मरी का आयुर्वेद में उल्लेख नही है और ना ही पित्ताश्य में gall bladder का, आधुनिक चिकित्सा में इसकी औषधियों से चिकित्सा संभव नही है अत: वहां शल्य ही एकमात्र चिकित्सा है।* *पित्ताश्याश्मरी कि चिकित्सा कोई साधारण कार्य नही है क्योंकि जिस कार्य में शल्य चिकित्सा ही विकल्प हो वहां हम औषधियों से सर्जरी का कार्य कर रहे है जिसमें रोगी लाभ तो चाहता है पर पूर्ण सहयोग नही करता।* *पित्ताश्याश्मरी की चिकित्सा से पहले इसके आयुर्वेदीय दृष्टिकोण और गर्भ में छुपे  सूत्र रूप में मूल सिद्धान्तों को जानना आवश्यक है, यदि आप modern पक्ष के अनुसार चलेंगें तो चिकित्सा नही कर सकेंगे,modern की जरूरत हमें investigations और emergency में शूलनाशक औषधियों के रूप में ही पड़ती है।* *पित्ताश्याशमरी है तो पित्त स्थान की मगर इसके निदान में हमें मिले रोगियों में मुख्य दोष कफ है ...* *गुरूशीतमृदुस्निग...

Case-presentation: Management of Various Types of Kushtha (Skin-disorders) by Prof. M. B. Gururaja

Admin note:  Prof. M.B. Gururaja Sir is well-known Academician as well as Clinician in south western India who has very vast experience in treatment of various Dermatological disorders. He regularly share cases in 'Kaysampraday group'. This time he shared cases in bulk and Ayu. practitioners and students are advised to understand individual basic samprapti of patient as per 'Rogi-roga-pariksha-vidhi' whenever they get opportunity to treat such patients rather than just using illustrated drugs in the post. As number of cases are very high so it's difficult to frame samprapti of each case. Pathyakram mentioned/used should also be applied as per the condition of 'Rogi and Rog'. He used the drugs as per availability in his area and that to be understood as per the ingredients described. It's very important that he used only 'Shaman-chikitsa' in treatment.  Prof. Surendra A. Soni ®®®®®®®®®®®®®®®®®®®®®®® Case 1 case of psoriasis... In this ...

Case presentation: Vrikkashmari (Renal-stone)

On 27th November 2017, a 42 yrs. old patient came to Dept. of Kaya-chikitsa, OPD No. 4 at Govt. Ayu. College & Hospital, Vadodara, Gujarat with following complaints...... 1. Progressive pain in right flank since 5 days 2. Burning micturation 3. Dysuria 4. Polyuria No nausea/vomitting/fever/oedema etc were noted. On interrogation he revealed that he had h/o recurrent renal stone & lithotripsy was done 4 yrs. back. He had a recent 5 days old  USG report showing 11.5 mm stone at right vesicoureteric junction. He was advised surgery immediately by urologist. Following management was advised to him for 2 days with informing about the possibility of probable emergency etc. 1. Just before meal(Apankal) Ajamodadi choorna     - 6 gms. Sarjika kshar                - 1 gm. Muktashukti bhasma    - 250 mgs. Giloyasattva                 - 500 mgs...

WhatsApp Discussion Series: 24 - Discussion on Cerebral Thrombosis by Prof. S. N. Ojha, Prof. Ramakant Sharma 'Chulet', Dr. D. C. Katoch, Dr. Amit Nakanekar, Dr. Amol Jadhav & Others

[14/08 21:17] Amol Jadhav Dr. Ay. Pth:  What should be our approach towards... Headache with cranial nerve palsies.... Please guide... [14/08 21:31] satyendra ojha sir:  Nervous System Disorders »  Neurological Disorders Headache What is a headache? A headache is pain or discomfort in the head or face area. Headaches vary greatly in terms of pain location, pain intensity, and how frequently they occur. As a result of this variation, several categories of headache have been created by the International Headache Society (IHS) to more precisely define specific types of headaches. What aches when you have a headache? There are several areas in the head that can hurt when you have a headache, including the following: a network of nerves that extends over the scalp certain nerves in the face, mouth, and throat muscles of the head blood vessels found along the surface and at the base of the brain (these contain ...

WhatsApp Discussion Series:18- "Xanthelasma" An Ayurveda Perspective by Prof. Sanjay Lungare, Vd. Anupama Patra, Vd. Trivendra Sharma, Vd. Bharat Padhar & others

[20/06 15:57] Khyati Sood Vd.  KC:  white elevated patches on eyelid.......Age 35 yrs...no itching.... no burning.......... What could be the probable diagnosis and treatment according Ayurveda..? [20/06 16:07] J K Pandey Dr. Lukhnau:  Its tough to name it in ayu..it must fall pakshmgat rog or wartmgat rog.. bt I doubt any pothki aklinn vartm aur klinn vartm or any kafaj vydhi can be correlated to xanthelasma..coz it doesnt itch or pain.. So Shalakya experts may hav a say in ayurvedic dignosis of this [20/06 16:23] Gururaja Bose Dr:  It is xantholesma, some underline liver and cholesterol pathology will be there. [20/06 16:28] Sudhir Turi Dr. Nidan Mogha:  Its xantholesma.. [20/06 16:54] J K Pandey Dr. Lukhnau:  I think madam khyati has asked for ayur dignosis.. [20/06 16:55] J K Pandey Dr. Lukhnau:  Its xanthelasma due to cholestrolemia..bt here we r to diagno...

WhatsApp Discussion Series 47: 'Hem-garbh-pottali-ras'- Clinical Uses by Vd. M. Gopikrishnan, Vd. Upendra Dixit, Vd. Vivek Savant, Prof. Ranjit Nimbalkar, Prof. Hrishikesh Mhetre, Vd. Tapan Vaidya, Vd. Chandrakant Joshi and Others.

[11/1, 00:57] Tapan Vaidya:  Today morning I experienced a wonderful result in a gasping ILD pt. I, for the first time in my life used Hemgarbhpottali rasa. His pulse was 120 and O2 saturation 55! After Hemgarbhapottali administration within 10 minutes pulse came dwn to 108 and O2 saturation 89 !! I repeated the Matra in the noon with addition of Trailokyachintamani Rasa as advised by Panditji. Again O2 saturation went to 39 in evening. Third dose was given. This time O2  saturation did not responded. Just before few minutes after a futile CPR I hd to declare him dead. But the result with HGP was astonishing i must admit. [11/1, 06:13] Mayur Surana Dr.:  [11/1, 06:19] M gopikrishnan Dr.: [11/1, 06:22] Vd.Vivek savant:         Last 10 days i got very good result of hemgarbh matra in Aatyayik chikitsa. Regular pt due to Apathya sevan of 250 gm dadhi (freez) get attack asthmatic t...

DIFFERENCES IN PATHOGENESIS OF PRAMEHA, ATISTHOOLA AND URUSTAMBHA MAINLY AS PER INVOLVEMENT OF MEDODHATU

Compiled  by Dr.Surendra A. Soni M.D.,PhD (KC) Associate Professor Dept. of Kaya-chikitsa Govt. Ayurveda College Vadodara Gujarat, India. Email: surendraasoni@gmail.com Mobile No. +91 9408441150

UNDERSTANDING THE DIFFERENTIATION OF RAKTAPITTA, AMLAPITTA & SHEETAPITTA

UNDERSTANDING OF RAKTAPITTA, AMLAPITTA  & SHEETAPITTA  AS PER  VARIOUS  CLASSICAL  ASPECTS MENTIONED  IN  AYURVEDA. Compiled  by Dr. Surendra A. Soni M.D.,PhD (KC) Associate Professor Head of the Department Dept. of Kaya-chikitsa Govt. Ayurveda College Vadodara Gujarat, India. Email: surendraasoni@gmail.com Mobile No. +91 9408441150

Case-presentation- Self-medication induced 'Urdhwaga-raktapitta'.

This is a c/o SELF MEDICATION INDUCED 'Urdhwaga Raktapitta'.  Patient had hyperlipidemia and he started to take the Ayurvedic herbs Ginger (Aardrak), Garlic (Rason) & Turmeric (Haridra) without expertise Ayurveda consultation. Patient got rid of hyperlipidemia but hemoptysis (Rakta-shtheevan) started that didn't respond to any modern drug. No abnormality has been detected in various laboratorical-investigations. Video recording on First visit in Govt. Ayu. Hospital, Pani-gate, Vadodara.   He was given treatment on line of  'Urdhwaga-rakta-pitta'.  On 5th day of treatment he was almost symptom free but consumed certain fast food and symptoms reoccurred but again in next five days he gets cured from hemoptysis (Rakta-shtheevan). Treatment given as per availability in OPD Dispensary at Govt. Ayurveda College hospital... 1.Sitopaladi Choorna-   6 gms SwarnmakshikBhasma-  125mg MuktashuktiBhasma-500mg   Giloy-sattv...

Case-presentation: 'रेवती ग्रहबाधा चिकित्सा' (Ayu. Paediatric Management with ancient rarely used 'Grah-badha' Diagnostic Methodology) by Vd. Rajanikant Patel

[2/25, 6:47 PM] Vd Rajnikant Patel, Surat:  रेवती ग्रह पीड़ित बालक की आयुर्वेदिक चिकित्सा:- यह बच्चा 1 साल की आयु वाला और 3 किलोग्राम वजन वाला आयुर्वेदिक सारवार लेने हेतु आया जब आया तब उसका हीमोग्लोबिन सिर्फ 3 था और परिवार गरीब होने के कारण कोई चिकित्सा कराने में असमर्थ था तो किसीने कहा कि आयुर्वेद सारवार चालू करो और हमारे पास आया । मेने रेवती ग्रह का निदान किया और ग्रह चिकित्सा शुरू की।(सुश्रुत संहिता) चिकित्सा :- अग्निमंथ, वरुण, परिभद्र, हरिद्रा, करंज इनका सम भाग चूर्ण(कश्यप संहिता) लेके रोज क्वाथ बनाके पूरे शरीर पर 30 मिनिट तक सुबह शाम सिंचन ओर सिंचन करने के पश्चात Ulundhu tailam (यह SDM सिद्धा कंपनी का तेल है जिसमे प्रमुख द्रव्य उडद का तेल है)से सर्व शरीर अभ्यंग कराया ओर अभ्यंग के पश्चात वचा,निम्ब पत्र, सरसो,बिल्ली की विष्टा ओर घोड़े के विष्टा(भैषज्य रत्नावली) से सर्व शरीर मे धूप 10-15मिनिट सुबज शाम। माता को स्तन्य शुद्धि करने की लिए त्रिफला, त्रिकटु, पिप्पली, पाठा, यस्टिमधु, वचा, जम्बू फल, देवदारु ओर सरसो इनका समभाग चूर्ण मधु के साथ सुबह शाम (कश्यप संहिता) 15 दिन की चिकित्सा के ...