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Case-presentation- 'Twak-shotha/vidradhi (Weeping Eczema)

[1/23, 10:08 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

A case of twak shotha complicated to various  minor abscesses (Weeping eczema).

Available Treatment given from government dispensary.....

1. Gandhak rasayan- 2 tab
Triphala Guggulu- 2 pills
Sanshamani Vati- 2 pills

1 X 3

2. Pathyadi kwath- 20 gms
+
Guduchi churna- 5 gms
Kalmegh Churna- 5 gms.

1 X 2 with kwath method

3. For  External washing-

Panchavalkal kwatha- 20 gms
+
Tankan Bhasma- 5 gms

Small periodic changes were made in medication because of availability issues in govt. Sector. This poor patient recovered very well with simple OPD drugs.



















































[1/23, 10:10 PM] Dr. Mrityunjay Tripathi, Gorakhpur: 

Uttam result sir ji 🙏🙏

[1/23, 10:10 PM] Dr. Digvijay Singh: 👌🏻👌🏻🙏🏻🙏🏻

[1/23, 10:11 PM] Dr Chandra Shekhar Sharma: 💐💐💐

[1/23, 10:12 PM] Dr. Mrityunjay Tripathi, Gorakhpur: 

Bahut accha management Raha sir aapane Jo pathyadi kwath use Kiya hai Jo
shrishool rogadhikar ka hai wohi ki dusra koie hai sir🙏🙏🌹🙏🙏

[1/23, 10:14 PM] Dr. Sadhana Babel, Pune: 👍🏻🙏🏻

[1/23, 10:14 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

Same !
I had no option because no relevant kwath was available. It acted as anuloman as well as kleda shoshan, what I understand.
Dr. Tripathi ji !

[1/23, 10:15 PM] Dr. Sadhana Babel, Pune: 

👍🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 bahot hi achha..

[1/23, 10:16 PM] Dr Rahul Pathania: 

Simple and wonderful ......🙏🏻

[1/23, 10:21 PM] Dr. Rituraj Verma: 

उत्तम परिणाम !

[1/23, 10:42 PM] Dr. Satish Jaimini Choumu, Jaipur: 

Sarahniy jarurat mand k liye ye bahut badi chikitsa h👏👏

[1/23, 10:51 PM] Dr Deepak Saxena, Kurukshetra: 

👌👌🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐sir !

[1/23, 10:55 PM] Dr. Mrityunjay Tripathi, Gorakhpur: 

Thanks sir ji pranam 🙏🙏

[1/23, 11:03 PM] Shantanu Das Prof KC: 

Very sound management with limited medication...👌🏼

[1/23, 11:34 PM] Ravi Nagpal Dr: 

Respected Soni Sir Kindly explain how Kalmegh churna act in this case.

[1/23, 11:35 PM] Prof. Mrinal Tiwari, Pune: 

Very apt management ! 👍💐

[1/23, 11:40 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

Dr. Ravi ji !
Request you to remember various long posts by resp. Deep Narayan Pandey Sir's on Kalmegh.
And
👇🏻
Tikta ras is kleda pooya shoshi.

[1/23, 11:41 PM] Ravi Nagpal Dr: 

Thanks Sir !

[1/23, 11:45 PM] Dr. Ravikant Prajapati M. D, BHU.:

 👏👏👌👌🙏🙏🌹🌹Nicely Managed with limited available drugs Guruji..🙏🌹

[1/23, 11:45 PM] Dr. Sadhana Babel, Pune: 

Kalmegh in senile itching by adarniya Katoch sir !

[1/23, 11:46 PM] Dr. Ravikant Prajapati M. D, BHU.: 👌🙏🙏🌹🌹

[1/23, 11:56 PM] Dr. Sadhana Babel, Pune:

 *कालमेघ एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की वैश्विक समस्या का समाधान दे सकता है*

पढ़िए, एक नया विश्लेषण

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10157700786144851&id=753314850

[1/23, 11:57 PM] Dr. Sadhana Babel, Pune: 

आदरणीय पांडे सर🙏🏻🙏🏻

[1/24, 12:21 AM] Vaidyaraj Subhash Sharma, Delhi: 

*नमस्कार सर, अल्प साधनों से भी पूर्ण लाभ, ये युक्ति चिकित्सा का बहुत बढ़ा उदाहरण है ।*

         👌👍👏🙏🌹🌺💐

[1/24, 7:58 AM] Dr. Himanshu Kanjaria: 👌👌🙏🙏

[1/24, 8:10 AM] pawan madan Dr: 

Good morning.
Very nice sharing sir.

It is very interesting that even Triphala guggulu works here.
Use of kaal megh in such a case is also different. Usually it may not come to our mind in such a case.

Pathyaadi kwath is good choice actually as we need mridu mala shodhan in skin diseases repeatedly.

👌🏻👌🏻👌🏻

[1/24, 8:54 AM] Dr Naresh Garg, Jaipur: 

सुप्रभात नमस्कार सर
बहुत ही अच्छी चिकित्सा व्यवस्था ।
पथ्यादि क्वाथ में गुडूची घटक द्रव्य है फिर अलग से देने की आवश्यकता 🙏🙏

[1/24, 10:03 AM] Vd V. B. Pandey Basti U. P: 

Sincerely Thanks for such a worthful case presentation 🙏

[1/24, 10:13 AM] Dr Sandeep Bhardwaj:

 युक्ति युक्त व्यवस्था पत्र💐🙏

[1/24, 10:21 AM] Prof Giriraj Sharma: 

आचार्य नमस्कार
🌹🌹🙏🏼👍🏻🙏🏼🌹🌹
आपने चिकित्सा व्यवस्थापत्र में
संशमनी वटी एवं गुडूची चूर्ण दोनो दिए है ,,,  मात्रा एवं संयोग विशेष से कुछ अलग फलश्रुति के परिपेक्ष्य में ही आपने दिया होगा कृपया इस विषय पर कुछ नवाचार हो तो बताये !

[1/24, 11:24 AM] Prof. Surendra A. Soni: 

एक ही युक्ति ।
स्वनाम धन्य *अमृता* !👍

[1/24, 11:25 AM] Dr. Satish Jaimini Choumu, Jaipur: 

Double strength ho jata h faster relief k liye aachry...

[1/24, 11:47 AM] Dr. Sadhana Babel, Pune: 

कुष्ठ व्याधि का अधिष्ठान twacha  है।
त्वचा यह मांसधातू का उपधातू है रस सारता मे त्वचाका विशेष महत्व हे
किंबहुना त्वकसार रस सार च.वि.8मे बताये है
कुष्ठ लक्षणे मे  यह विचार करते है रसदुष्टी ज्यादा है या मांसदुष्टी प्राबल्य
रस दुष्टी प्राबल्य
निर्मिती प्रथम धातु सुश्रुत के अनुसार एक दिन मे उत्पत्ती या निर्मिती
मुलस्थान हृदय व रस वाहिनी
रस सार व त्वकसारता
रसो धातु व मन संबंध, बुद्धी संबंध


रस व कफ,रस व त्वक  प्रीणन कार्य,
क्षय वृद्धी लक्षण एवम स्रोतः दृष्टी लक्षणांनी आ दि सिद्धांत विचाराधीन रहते है
मांस दृष्टी प्राबल्य
उपधातू  त्वचा और बसा
मांस व कफ
स्त्रोतः मूलस्थान भि त्वचा
लेपण कर्म, बल का संबंध --सममांसप्रमाण अस्तु... सूत्र के अनुसार
क्षय व्रद्धि स्रोत दुष्टी लक्षणांनी
इन सबका विचार करके और कुष्ठ दोष दृश्य संग्रह hx संप्राप्ती लक्षणांनी इनका अवलोकन करके द्रव्य या कल्प चिकित्सा तय करते है

इसके उपर निर्धारित होता है की
रसानु गामी कुष्ठघ्न द्रव्य उपयुक्त है या माणूस गामी कुष्ठघ्न
  शतावरी पटोल निंब मुस्ता किरात तिक्त इंद्रजव मंजिष्ठा गुडूची खदिर चोपचीनी चंदन सारिवा इत्यादी द्रव्य से सिलेक्शन करते है

अगर कुछ संदिग्धता हो तो पटोल खदिर अग्र या कुष्ठ ग्न गण कंडुघ्न गण से उपयोग द्रव्य का करते है

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

[1/24, 1:28 PM] Dr Amol kadu NIA, Jaipur:

 Grt soni sir !

[1/24, 1:34 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

Excellent inputs just like Raghu Sir !!

👌👌

Thanks Sadhana madam !

🙏🏻🌹

[1/24, 1:35 PM] Dr Amol kadu NIA, Jaipur: 

Ultimately ras is important irrespective drug which is reflected in this case also...

तिक्तः स्वयमरोचिष्णुररुचिं कृमितृड्विषम्॥१४॥
कुष्ठमूर्च्छाज्वरोत्क्लेशदाहपित्तकफान् जयेत्।
क्लेदमेदोवसामज्जशकृन्मूत्रोपशोषणः॥१५॥

Pathyadi kwath, guduchi , kalmegh tikta rasa dravya responsible for क्लेदमेदोवसामज्ज-शकृन्मूत्रोपशोषणः
 Kleda upshoshan.

[1/24, 1:36 PM] Dr Amol kadu NIA, Jaipur: 

Panchvalkal kwath-kashay ras Pradhan having action.

कषायः पित्तकफहा गुरुरस्रविशोधनः।
पीडनो रोपणः शीतः क्लेदमेदोविशोषणः॥२०॥
आमसंस्तम्भनो ग्राहि रूक्षोऽति त्वक्प्रसादनः।

[1/24, 1:37 PM] Dr Ashwini Kumar Sood, Ambala: 

Very informative Dr. Soni👍🏽

[1/24, 1:37 PM] Dr Amol kadu NIA, Jaipur: 

Panchvalkal again kashay ras help kledmedo vishoshan...

[1/24, 1:58 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

अमोलाचार्य !👍👌

[1/24, 2:48 PM] Dr Darshana Vyas, Vadodara: 

Very nice result sir👍🏻👏🏻💐

[1/24, 2:55 PM] Dr. Neetu Agrawal: 

Soni sir👏🏻👏🏻

[1/24, 3:17 PM] Vd. Aashish Kumar, Lalitpur: 

💓💓👏🏻👏🏻💐💐स्राव तो दूसरी फ़ोटो में पूरी तरह बन्द हो गया🌹🌹🙏🏻🙏🏻

धन्यवाद गुरु जी🙏🏻🙏🏻

[1/24, 3:40 PM] Dr. Arun Rathi, Akola: 

*संसाधन अभाव में युक्ति पुर्व सम्प्राप्ति विघटन  चिकित्सा व्यवस्था*
👌🏻👍🏻🌹🌹🌹

[1/24, 3:45 PM] Dr B K Mishra Ji:

 उत्तम युक्तिव्यपाश्रय 💐💐💐

[1/24, 3:51 PM] Dr. Arun Rathi, Akola: 

👌🏻👍🏻
*तिक्त रस, यह घातुवह स्त्रोतोरोध दुर कर घातुअग्नि कार्य का नियमन करता है।*

*तिक्त रस प्रदान औषधि से सिध्द दुध,तैल और घृत यह घातुक्षय की अवस्था में सद्य फलदायी होते है।*

[1/24, 4:41 PM] satyendra ojha sir: 

तिक्तो रस:
कण्डूकुष्ठप्रशमन:
त्वक् मांसयो: स्थिरीकरणो
क्लेदमेदोवसामज्जलसीकापूयस्वेदमूत्रपुरीषपित्तश्लेष्मोपशोषणो.
स्रोतसां खरत्वं उपपादयति..
च.सू.२६..

[1/24, 4:43 PM] satyendra ojha sir: 

Acharya Charak ⬆ deals pharmacodynamic of Tikta rasa very perfectly..🙏🙏

[1/24, 4:44 PM] D C Katoch Sir: 

तिक्तरस का सर्वश्रेष्ठ गुणकर्म स्रावशोषण व क्लेदनाशन है !

[1/24, 4:46 PM] satyendra ojha sir: 

क्लेद का भी शोषण ही होना अभिष्ट है..🙏🙏

[1/24, 5:04 PM] Dr. Sadhana Babel, Pune: 👌🏻👍🏻🙏🏻

[1/24, 5:11 PM] Dr. Arun Rathi, Akola: 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

[1/24, 5:11 PM] Dr. Arun Rathi, Akola: 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

*Digestion And Metabolism at Tissue Level in Ayurveda*

 i.e. *धातु अग्नि पाक परम्परा*
                                                                        *विविधम शितं पितं लीठं खादितम जन्तोर्हितमन्तराग्निसन्धुक्षितबलेन, यथा स्वेमोष्मणा सम्यग् विपच्यमानं कालवदनवस्थित सर्वधातुपाकमनुपहत, सर्वधातुऊष्मारुत स्त्रोतः केवलं शरीरम्उपचयबलवर्णसुखायुषायोजति, शरीरधातुनउर्ज्यतिच ।                                                                                                                                                                   धातवो हि धात्वाहार  प्रकृतिम अनुवर्तन्ते*।। च.सू. 28/3. 
                                                                                                                              Here again for धातुअग्नि व्यापार , Four factors are responsible ,these are
1). अन्न रस .                                                2). व्यान वायु.                                              3). धातुवह स्त्रोतस .                                      4). धातुअग्नि .                                              If these above four factors are in प्राकृतावस्था then and only then सम्यक पोषण and वर्धन of these धातू,  उपधातु, धातुमल takes place.

*Here the role of तिक्त रस is*
*दीपन,पाचन*
*कफ शामक*
*वात वर्धक or वात नियमन, as it plays important role to remove खवैगुण्य*
*In the way तिक्त रस plays important role to maintain the Harmony in दोष, घातु, उपघातु एवं मल ।*

[1/24, 5:15 PM] Dr. Sadhana Babel, Pune: ✅

[1/24, 5:38 PM] satyendra ojha sir: 

Dr Arun ji !
one rasa can't build up harmony in tridosha and saptadhaatu..

[1/24, 5:49 PM] Dr. Arun Rathi, Akola: 

*That's true sirji, not a single factor can maintain the harmony of दोष, घातु & मल.*
*I had given the applied aspect of तिक्त रस how it work's in क्लेद शोषण.*
*In the same way there are also other factors to help तिक्त रस for शोषण of क्लेद too.*

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

[1/24, 5:50 PM] satyendra ojha sir: 

Yes , Dr Arun ji .✅✅🙏🙏

[1/24, 5:50 PM] Dr. Arun Rathi, Akola: 😊😊😊

[1/24, 6:11 PM] satyendra ojha sir: 

*The best interpretation by Acharya Chakrapani*

अनुपहतानि सर्वधातुनामूष्ममारुतस्रोतांसि यस्य तत् तथा; यदा हि एकोऽपि धातुपाचकोऽग्निरुपहत:,
मारुतो वा धातुपोषकरसवाही व्यानरुप: क्वचित् उपहतो भवति,
तथा स्रोतो वा धातुपोषकरसवहं उपहतं स्यात्, तदा अशितादिकं धातुनां अवर्धकत्वात् न उपचयादिकारकं इति भाव:..

[1/24, 6:28 PM] Prof. Surendra A. Soni: 

Right Arun Sir !!
Metabolic Diseases must be understood as per your classification during strategy of samprapti vighatan.

🙏🏻🌹

[1/24, 7:05 PM] Dr. R S. Soni, Delhi: 

👌👌👏👏🌹🌹

युक्ति का प्रयोग ही उपलब्ध साधनों के माध्यम से सफलता दिलाता है।👍🏻👍🏻

*तिष्ठति उपरि युक्तिग्यो...*
🙏🙏🌹🌹

[1/24, 7:10 PM] D C Katoch Sir: 

कण्डू, कुष्ठ और त्वक् मांस शैथिल्य की पृष्ठभूमि अप्राकृत  क्लेद ही है।






**************************************************************************




Above case presentation & follow-up discussion held in 'Kaysampraday" a Famous WhatsApp group  of  well known Vaidyas from all over the India. 






Presented by-


Dr.Surendra A. Soni


M.D.,PhD (KC) 
Professor & Head
P.G. DEPT. OF KAYACHIKITSA
Govt. Akhandanand Ayurveda College
Ahmedabad, GUJARAT, India.
Email: surendraasoni@gmail.com
Mobile No. +91 9408441150

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